दिल्ली में जन्म लेने वाले Sidharth Malhotra का जन्म 16 जनवरी 1985 को हुआ ने अपने करियर की शुरुआत मोडलिंग से की थी और उसके बाद इन्होने धीरे धीरे फ़िल्मी दुनिया में अपना हाथ अजमाया और शुरुआत की जाने माने डायरेक्टर करण जौहर के साथ बतौर सहनिर्देशक काम करते हुए 2010 में और फिल्म थी “ माय नेम इज खान “ और इसके बाद As an Actor इन्होने अपने करियर की शुरुआत सन 2012 में करण जौहर की ही फिल्म “ स्टूडेंट ऑफ़ दी इयर “ से की और आपको बता कि इसी फिल्म में Director महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट ने और वरुण धवन जो कि डेविड धवन के बेटे है ने भी इसी फिल्म के जरिये अपने अपने करियर की शुरुआत की और इसका पूरा पूरा श्रेय फिल्म निर्देशक करण जौहर को जाता है AIB ( All India Backchod) जो कि एक कॉमेडी स्टार्टअप है उसके द्वारा किये गये एक विवादित शो AIB ROAST में (जो कि असल में नहीं है बात लोगो के नजरिये की है ) इस बारे में तन्मय भट्ट ने करण जौहर का इस बात को लेकर मजाक भी बनाया गया था | खैर हम बात कर रहे थे sidharth malhotra के life के बारे में तो इसलिए यह जानना भी जरुरी है कि सिद्धार्थ के साथ इनकी फिल्म “ Student of the Year” में सिद्धार्थ के साथ अलिया की जोड़ी को दर्शकों ने काफी पसंद किया और कमाई के अनुसार यह फिल्म सुपरहिट रही थी | सन 2014 में सिद्धार्थ की दो और फिल्मे हंसी तो फंसी और एक विलेन प्रदर्शित हुयी जिसे भी दर्शकों द्वारा काफी सराहा गया |sidharth malhotra biography in hindiEarly lifesidharth malhotra का जन्म एक पंजाबी परिवार में दिल्ली में हुआ और उनके पिता सुनील मल्होत्रा Indian merchent navy में एक कर्मचारी थे | स्कूल की पढाई दिल्ली में ही दो स्कूलों में पूरी करने के बाद 18 साल की उम्र में sidharth malhotra ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही “ शहीद भगत सिंह कॉलेज” में अपना दाखिला लिया और साथ ही मोडलिंग की दुनिया में भी अपना करियर शुरू किया लेकिन सफल मॉडल होने के बाद भी चार साल बाद इन्होने मॉडलिंग को छोड़ने का फैसला किया क्योंकि वो अपने करियर के फील्ड को लेकर संतुष्ट नहीं थे और जब इंसान अपनी जिंदगी से सन्तुस्ट नहीं होता है तब वह या तो सबकुछ छोड़ देता है या कुछ बड़ा करने का निर्णय लेता है। बड़ा करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अंदर से मोटिवेटेड रहना, सिद्धार्थ मल्होत्रा उन इंसानो में से है जो खुद को सेल्फ मोटीवेट कर सकते है बिना किसी बाहरी प्रभाव के अगर आपके अंदर सेल्फ मोटिवेशन की कमी है तो आप हिंदी मोटिवेशनल कोट्स का रोजाना इस्तेमाल करके अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर हो सकते है जैसा बाद में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने एक फिल्म में रोल के लिए इन्होने ऑडिशन भी दिया जबकि वह फिल्म बाद में टल गयी थी जिसके बाद इन्होने करण जौहर के साथ काम बतौर सह निर्देशक किया और उसके बाद उन्होंने जिन फिल्मो में काम किया उसके बारे में हम जानते ही है |Career and Filmsidharth malhotra ने जब अपने करियर की शुरुआत अपनी पहली फिल्म “ Student of the year “ के साथ की तो इनके अभिनय को न केवल फिल्म आलोचक राजीव मसंद ने भी सराहा बल्कि कमाई की नजरिये से भी फिल्म सफल रही थी और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजीव मसंद भी उस विवादित शो AIB ROAST में शामिल थे जिस पर कथित तौर पर खुद को सभ्य कहने वाले लोगो ने उस शो के पर बहुत बवाल मचाया जो कि बस एक तरह से अलग “व्यस्क कॉमेडी” शो था |sidharth malhotra actor hindi biographyउसके बाद सिद्धार्थ ने दूसरी फिल्म “ हंसी तो फंसी ” पर भी काम किया है जिसमे इनके साथ अदा शर्मा और परिणिति चोपड़ा सहकलाकार थे और यह एक रोमांटिक कॉमेडी मूवी थी और इसके बाद sidharth malhotra मोहित सूरी की एक रोमांटिक थ्रिल्लर फिल्म “ एक विलेन “ में नजर आये जिसके बारे में हर किसी के अलग व्यूज हो सकते है लेकिन अगर कमाई की बात करें तो वह फिल्म भी एक सफल फिल्म थी और ऐसे में सिद्धार्थ ऐसे कलाकारों में शामिल हो गये जो नये आये कलाकारों में सफल कहे जा सकते है |फ़िल्मी दुनिया के इतर अगर बात करें तो सिद्धार्थ की छवि एक बेहतर इन्सान के तौर पर है क्योंकि इन्होने कई सारे तरीकों से सामाजिक कार्यों के लिए फंडिंग की है और साथ ही अक्सर चैरिटी भी करते रहते है और उत्तराखंड में बाढ़ आने के समय अपने साथी कलाकारों के साथ इन्होने पैसे जुटाने के लिए एक इवेंट में भी परफॉर्म किया | इसके अलावा sidharth malhotra को अपने काम के लिए और अपने लुक के लिए भी Times of india के द्वारा कई तरह की सूचियों में शामिल किया गया है |Relationship and rumorsइसके अलावा अगर रिलेशनशिप की बात करें तो अख़बारों में और न्यूज़ चैनल्स में इनका नाम कई बार साथी एक्ट्रेस अलिया भट्ट के साथ जोड़ा गया है लेकिन सिद्धार्थ ने इन सबको कोरी अफवाह बताते हुए इस बारे में एकदम साफ़ कर दिया है कि अभी केवल वो काम करना चाहते है और शादी के लिए अभी काफी उम्र बाकि है | वैसे अगर फिल्म जगत से आने वाली ख़बरों पर विश्वाश करे तो यह भी सुनने में आया है कि एक फिल्म “कपूर एंड संस” में उन्होंने एकदम अलग रोले निभाया है क्योंकि इस फिल्म में वो लेखक के तौर पर काम कर रहे है और इस रोल के लिए वो इतनी मेहनत कर रहे है कि उन्होंने इस रोल में खुद को फिट बिठाने के लिए एक डायरी को अपने पास रखना शुरू कर दिया और उसमें कुछ लिखने की आदत भी डाल रखी है | मार्च 2016 में रिलीज होने वाली इस फिल्म में उनके द्वारा प्ले किये जाने वाले रोले को लेकर वो इतने संजीदा है कि वो अपनी जिन्दगी में होने वाले छोटे छोटे घटनाओं को वो नोट करते रहते है ताकि इस रोल के लिए एकदम सहज रह सकें |Natureइसके अलावा sidharth malhotra के बारे में यह बात भी लोग जानते है कि वो स्वाभाव से काफी शर्मीले है हालाँकि ओन-स्क्रीन उनकी जोड़ी अलिया के साथ बेहद क्यूट और हॉट नजर आती है और हो सकता है रियल life में अपने साथ काम करने वाले साथी कलाकारों के साथ वो सहज महसूस करतें हो लेकिन लड़कियों के मामले में सिद्धार्थ काफी शर्मीले तौर पर जाने जाते है |इसके अलावा सिद्धार्थ अपनी बात को प्रभावी तरीके से रखने के लिए जाने जाते है क्योंकि मुम्बई एक बार पाकिस्तान के किसी कृत्य को लेकर इस बारे में शिवसेना ने नाराजगी जाहिर करते हुए पाकिस्तान के कलाकरों पर प्रतिबन्ध लगाने तक की बात कह डाली थी ऐसे में सिद्धार्थ के साथ काम करने वाले एक पाकिस्तान के कलाकार के समर्थन में सिद्धार्थ ने एक समारोह के दौरान उन्होंने इस बारे में कहा कि “ कलाकार कलाकार होता है उसे किसी देश या संस्था की सीमाओं में बांधकर देखना ठीक नहीं है और यह रचनात्मकता का सवाल है |” तो इस तरह हम सिद्धार्थ मल्होत्रा को एक जागरूक अभिनेता के रूप में देख सकते है जो जीवंत मुद्दों को लेकर सजग भी है और एक बेहतर कलाकार भीइसके अलावाsidharth malhotra एक बेहतरीन रग्बी प्लेयर भी है और दिल्ली में पले बढे होने के बाद भी इन्हें आउटडोर खेलों में बहुत रूचि है और वो इस बारे में बढ़ावा देने को भी तत्पर रहते है | इसके साथ ही सिद्धार्थ की फ़ुटबाल टीम की तरफ से भी खेलते है और उनका मानना है कि जिम जाकर अपनी सेहत के लिए कुछ करने से बेहतरीन है जिम से बाहर जाकर खेलों के जरिये खुद को फिट रखना क्योंकि ऐसे में आप दिमाग और दिल के साथ साथ शरीर की सेहत का भी बेहतर ख्याल कर सकते है | सिद्धार्थ को प्रकृति से बेहद लगाव है ऐसा वो कहते है क्योंकि टूरिज्म न्यूजीलैंड के पहले भारतीय एम्बैसडर बने है |तो ये है sidharth malhotra biography in hindi और अधिक जानकारी या अपने किसी सवाल के लिए आप हमे ईमेल कर सकते है और हमारी वेबसाइट से hindi biography Update पाने के लिए आप हमे फेसबुक पर फॉलो भी कर सकते है
Kiradu Temple in Rajasthan: हमारे सामने आने वाले कई तथ्य ऐसे होते है जो हमें हैरान कर देते है जिन पर हम चाहकर भी विश्वास नहीं कर पाते है। आपने कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहाँ रात को रुकने पर आप इंसान से पत्थर बन सकते है। हो गए ना हैरान?
अगर नहीं, तो हम आपको आज ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहाँ अगर आप रात को ठहरे तो इंसान से पत्थर में बदल जाएगें। चलिए जानते है इस रहस्यमय जगह के बारे में।राजस्थान का ये गांव (Kiradu Temple in Rajasthan)राजस्थान की ताप्ती रेतीली धरती अपने अंदर कई राज समेटे बैठी हैं। यह राज ऐसे होते हैं जिन्हें जानकर बड़े-बड़े हिम्मतवालों के पसीने छूट जाते हैं। कुलधारा गांव और भानगढ़ का किला राजस्थान में स्थित ऐसे ही रहस्यमय स्थानों में से एक है जो पूरी दुनिया में भूतिया स्थान के रुप में में जाने जाते है।बारमेर जिले में स्थित किराडू का मंदिर (Kiradu Temple) रहस्य के मामले में कुलधारा और भानगढ़ जितना ही खौफनाक है। यह मंदिर राजस्थान में खजुराहो मंदिर के नाम से मशहूर है जो प्रेमियों के लिए विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र हैं। लेकिन इस जगह की खौफनाक हकीकत को जानने के बाद कोई भी शख्स सूरज ढलने के बाद यहां ठहरने की हिम्मत नहीं करता है।पत्थर का बन जाता है इंसान (Mysterious Temples in India)किराडू के मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां शाम होने के बाद जो भी रह जाता है वो या तो पत्थर का बन जाता है या फिर मौत की गहरी नींद में सो जाता है। इस स्थान के बारे में यह मान्यता सदियों से चली आ रही है। पत्थर बन जाने के खौफ के कारण यह इलाका शाम होते ही पूरा वीरान हो जाता है।इस मान्यता के पीछे एक ऐसी अजीब कहानी है जिसकी गवाह एक औरत की पत्थर की मूर्ति है, जो किराडू से कुछ दूरी पर सिहणी गांव में स्थित है। किराडू के लोग बन गए पत्थर (Kiradu Temple History in Hindi)यह बात वर्षों पहले की है जब किराडू में एक तपस्वी पधारे थे। इनके साथ शिष्यों की एक टोली थी। एक दिन तपस्वी अपने शिष्यों को गांव में ही छोड़कर भ्रमण के लिए चले गए। इस दौरान अचानक शिष्यों का स्वास्थ्य काफी ख़राब हो गया।उस समय गांव के लोगों ने शिष्यों की कोई मदद नहीं की। जब तपस्वी किराडू लौटे कर वापस आए और अपने शिष्यों की ये दशा देखी तो क्रोधित होकर गांव वालों को श्राप दिया कि जिस स्थान के लोगों का हृदय पाषाण का हैं वह इंसान बने रहने के योग्य नहीं हैं इसलिए सब पत्थर के बन जाएं।सिर्फ एक कुम्हारन थी जिसने शिष्यों की मदद की थी। उस पर दया करते हुए तपस्वी ने कहा कि तुम इस गांव से चली जाओ वरना तुम भी गांववालों के साथ पत्थर की बन जाओगी। लेकिन याद रखना गांव से जाते समय भूल से भी पीछे मुड़कर मत देखना।तपस्वी की आज्ञा का पालन करते हुए कुम्हारन गांव से चली जाती है लेकिन उसके मन में यह बात आने लगती है कि तपस्वी की कही बात सच भी है या नहीं और वह पीछे मुड़कर देख लेती हैं। इस तरह मुड़कर देखते ही वो महिला भी पत्थर की बन जाती है। सिहणी गावं में स्थापित कुम्हारन की पत्थर की मूर्ति आज भी उस घटना की याद दिलाती है।
पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
Bhangarh story In Hindi: भानगढ़ के किले का (Bhangarh fort) एक ऐसा राज़ जो हर कोई नही जानता।Bhangarh story In Hindi: भारत उन महान देशों में से एक है, जहां पर कई सारे राजाओं के बड़े-बड़े आलिशान महल और राज्य हुआ करते थे और इसी महान देश में बड़े भयंकर युद्ध भी लड़े गए थें। भारत के इन राज्यों की संस्कृति और इतिहास को करीब से देखने और परखने के लिए विशेषो से हर साल बहुत सारे लोग आते हैं। पर क्या आपको पता है कि भारतीय इतिहास में कई ऐसे भी एतिहासिक राज्य है, जहा पर भारत सरकार द्वारा रात को जाना या उसके आस पास भटकना भी सख्त मना हैं। आज मैं आपको एक ऐसी ही राजा के राज्य की कहानी बताऊंगा।भानगढ़ का किला (Bhangarh Fort in hindi)Read More HereArticle Sourced By www.snappymovie.com
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वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्वाति नक्षत्र/Swati Nakshatra 27 नक्षत्रों में से एक है। स्वाति शब्द सु + अति से बना है, जिसका अर्थ बहुत अच्छा या स्वतंत्र होता है। स्वाति का एक और अर्थ है — धर्मगुरु, जिसे धर्मशास्त्र में महारत हासिल है। स्वाति नक्षत्र से जुड़े कुछ रहस्ययह नक्षत्र धर्म, अंतर्ज्ञान और भगवान का कारक है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है, वह इस नक्षत्र के विषय में जानने का हमेशा इच्छुक रहेगा। इस नक्षत्र की ऊर्जा बहुत दूर तक बिखरती है। कहीं पर यह नक्षत्र कायापलट या फिर कहीं पर बदलाव का बिंदु बन जाता है।खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र कर लेने की चाह इस नक्षत्र की पहचान है। हालांकि जीवन की कोई भी प्रक्रिया हो, उसमें यह बहुत अस्त—व्यस्त दिखाई देते हैं। इस नक्षत्र से जुड़े जातक मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में अत्यंत सफल साबित हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है चलिए समझते हैं। स्वाति नक्षत्र से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार देखें तो इस नक्षत्र/Nakshatra से जुड़े व्यक्ति अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। हालांकि उतार-चढ़ाव का संबंध घर के उस स्वामी पर निर्भर करता है, जिससे यह नक्षत्र प्रभावित रहता है। यह आपसी संबंध, धन आदि से भी जुड़ा होता है। स्वाति नक्षत्र राशि चक्र में पूरी तरह से तुला राशि को प्रभावित करता है, जो कि एक महत्वपूर्ण राशि है। राहु स्वाति नक्षत्र पर शासन करता है, जो कि एक शुष्क ग्रह है और शनि का उच्च अष्टक है। स्वाति नक्षत्र पर वायु या फिर कहें वायु देवता का शासन रहता है। स्वाति नक्षत्र के विषय में अधिक जानकारी इस नक्षत्र में बैठे चंद्रमा, व्यक्ति के मन में इधर—उधर के विचार ला सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग निष्कर्ष निकालने में सक्षम नहीं होते। ऐसा जातक रीढ़विहीन स्वभाव के हो सकते हैं।स्वाति नक्षत्र के जातक की विशेषताएं समाजसेवी शैक्षिक संस्थाओं का गठन करने वाले इस नक्षत्र से जुड़े जातक अमूमन ट्रैवल, टूरिज्म और विमानन उद्योग से जुड़े होते हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने और स्वतंत्र रहने का प्रयास करते हैं। इनके रिश्ते और साझेदारी अमूमन उतार-चढ़ाव भरी होती है।मार्केटिंग ही क्यों है स्वाति नक्षत्र के लिए सबसे उत्तम क्षेत्रमार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की बहुत जरूरत पड़ती है, जैसे अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचाना और उपभोक्ताओं की समस्या का तुरंत पता लगाना। इन दोनों ही विषय में स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं। इसके साथ साथ मार्केटिंग में ऐसे व्यक्तियों की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, जो अपनी बातों को उपभोक्ताओं के समक्ष हंसते और खिलखिलाते चेहरे के साथ रखें और हर व्यक्ति को समझाना कि उन्हें इस सामान की आवश्यकता है।जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का व्यक्तित्व हंसने खेलने वाला होता है। ऐसा नहीं है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों को सिर्फ मार्केटिंग में सफलता मिलती है। वह अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सफल होने की संभावना अच्छी होती है। इससे अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.vinaybajrangi.com पर जा सकते है और अपॉइंटमेंट बुक करने पर डॉ विनय बजरंगी जी के समक्ष बैठकर आप अपने प्रश्नो के उत्तर पा सकते है।Source: https://sites.google.com/view/vinaybajrangis/blog/swati-nakshatra
CWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया।कोरोना संकट के बीच कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कोरोना वायरस के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर चिंता जाहिर की है। सोनिया गांधी का कहना है कि देश में अभी टेस्टिंग बहुत कम संख्या में हो रही है, इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है, जो गंभीर बात है।राज्यपाल जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान, ये राजनीतिक रोटियां सेंकने का समय नहीं हैCWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया। उनका कहना है कि जब सभी को एक साथ होकर इस महामारी से लड़ना चाहिए था तो बीजेपी उस समय नफरत के वायरस फैला रही है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी सुझाव दिए जा रहे हैं उनपर मोदी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस से जंग में जो स्वास्थ्यकर्मी दिन रात लड़ रहे हैं उन्हें सरकार अच्छी क्वालिटी के पीपीई किट मुहैया कराने में असफल रही है।सोनिया गांधी ने आगे कहा कि मुश्किल के इस वक्त में सरकार को गरीब, मजदूरों और किसानों के खाते में 7500 रुपये डालने चाहिए। जिससे वो अपने परिवार का पेट भर सके। किसानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश का किसान काफी परेशान है। अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चेन में आ रही परेशानी ने किसानों को बेहाल कर दिया है। सरकार को किसानों की समस्या को सुनकर इसका समाधान करना चाहिए। अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- जनता के साथ धोखाकेंद्र सरकार पर टेस्टिंग के आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हमने बार-बार सरकार से कहा कि वो टेस्टिंग की गति को बढ़ाये। क्योंकि इस महामारी से लड़ने के लिए एक सबसे बड़ा हथियार टेस्टिंग ही है। लेकिन सरकार सुनने को ही तैयार नहीं है। देश में टेस्ट का अनुपात काफी कम है। इसके अलावा कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए डॉक्टरों को जो पीपीई किट दी जा रही है वो भी अच्छी क्वालिटी की नहीं है।AB STAR NEWS के ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं.
Kiradu Temple in Rajasthan: हमारे सामने आने वाले कई तथ्य ऐसे होते है जो हमें हैरान कर देते है जिन पर हम चाहकर भी विश्वास नहीं कर पाते है। आपने कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहाँ रात को रुकने पर आप इंसान से पत्थर बन सकते है। हो गए ना हैरान?
अगर नहीं, तो हम आपको आज ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहाँ अगर आप रात को ठहरे तो इंसान से पत्थर में बदल जाएगें। चलिए जानते है इस रहस्यमय जगह के बारे में।राजस्थान का ये गांव (Kiradu Temple in Rajasthan)राजस्थान की ताप्ती रेतीली धरती अपने अंदर कई राज समेटे बैठी हैं। यह राज ऐसे होते हैं जिन्हें जानकर बड़े-बड़े हिम्मतवालों के पसीने छूट जाते हैं। कुलधारा गांव और भानगढ़ का किला राजस्थान में स्थित ऐसे ही रहस्यमय स्थानों में से एक है जो पूरी दुनिया में भूतिया स्थान के रुप में में जाने जाते है।बारमेर जिले में स्थित किराडू का मंदिर (Kiradu Temple) रहस्य के मामले में कुलधारा और भानगढ़ जितना ही खौफनाक है। यह मंदिर राजस्थान में खजुराहो मंदिर के नाम से मशहूर है जो प्रेमियों के लिए विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र हैं। लेकिन इस जगह की खौफनाक हकीकत को जानने के बाद कोई भी शख्स सूरज ढलने के बाद यहां ठहरने की हिम्मत नहीं करता है।पत्थर का बन जाता है इंसान (Mysterious Temples in India)किराडू के मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां शाम होने के बाद जो भी रह जाता है वो या तो पत्थर का बन जाता है या फिर मौत की गहरी नींद में सो जाता है। इस स्थान के बारे में यह मान्यता सदियों से चली आ रही है। पत्थर बन जाने के खौफ के कारण यह इलाका शाम होते ही पूरा वीरान हो जाता है।इस मान्यता के पीछे एक ऐसी अजीब कहानी है जिसकी गवाह एक औरत की पत्थर की मूर्ति है, जो किराडू से कुछ दूरी पर सिहणी गांव में स्थित है। किराडू के लोग बन गए पत्थर (Kiradu Temple History in Hindi)यह बात वर्षों पहले की है जब किराडू में एक तपस्वी पधारे थे। इनके साथ शिष्यों की एक टोली थी। एक दिन तपस्वी अपने शिष्यों को गांव में ही छोड़कर भ्रमण के लिए चले गए। इस दौरान अचानक शिष्यों का स्वास्थ्य काफी ख़राब हो गया।उस समय गांव के लोगों ने शिष्यों की कोई मदद नहीं की। जब तपस्वी किराडू लौटे कर वापस आए और अपने शिष्यों की ये दशा देखी तो क्रोधित होकर गांव वालों को श्राप दिया कि जिस स्थान के लोगों का हृदय पाषाण का हैं वह इंसान बने रहने के योग्य नहीं हैं इसलिए सब पत्थर के बन जाएं।सिर्फ एक कुम्हारन थी जिसने शिष्यों की मदद की थी। उस पर दया करते हुए तपस्वी ने कहा कि तुम इस गांव से चली जाओ वरना तुम भी गांववालों के साथ पत्थर की बन जाओगी। लेकिन याद रखना गांव से जाते समय भूल से भी पीछे मुड़कर मत देखना।तपस्वी की आज्ञा का पालन करते हुए कुम्हारन गांव से चली जाती है लेकिन उसके मन में यह बात आने लगती है कि तपस्वी की कही बात सच भी है या नहीं और वह पीछे मुड़कर देख लेती हैं। इस तरह मुड़कर देखते ही वो महिला भी पत्थर की बन जाती है। सिहणी गावं में स्थापित कुम्हारन की पत्थर की मूर्ति आज भी उस घटना की याद दिलाती है।
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Tamilgun Movie Download : तमिलगन (Tamilgun) एक विवादित वेबसाइट है. ये वेबसाइट में Pirated movie के लिए काफी प्रसिद्ध वेबसाइट है. हालांकि, भारत में पाइरेसी (Piracy in india) गैरकानूनी है लेकिन इस इस वेबसाइट से लोग चोरी-छुपे फिल्में (Movies online) गानें (online songs) और वेबसीरीज (web-series online) डाउनलोड कर लेते हैं.
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पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
Bhangarh story In Hindi: भानगढ़ के किले का (Bhangarh fort) एक ऐसा राज़ जो हर कोई नही जानता।Bhangarh story In Hindi: भारत उन महान देशों में से एक है, जहां पर कई सारे राजाओं के बड़े-बड़े आलिशान महल और राज्य हुआ करते थे और इसी महान देश में बड़े भयंकर युद्ध भी लड़े गए थें। भारत के इन राज्यों की संस्कृति और इतिहास को करीब से देखने और परखने के लिए विशेषो से हर साल बहुत सारे लोग आते हैं। पर क्या आपको पता है कि भारतीय इतिहास में कई ऐसे भी एतिहासिक राज्य है, जहा पर भारत सरकार द्वारा रात को जाना या उसके आस पास भटकना भी सख्त मना हैं। आज मैं आपको एक ऐसी ही राजा के राज्य की कहानी बताऊंगा।भानगढ़ का किला (Bhangarh Fort in hindi)Read More HereArticle Sourced By www.snappymovie.com
वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्वाति नक्षत्र/Swati Nakshatra 27 नक्षत्रों में से एक है। स्वाति शब्द सु + अति से बना है, जिसका अर्थ बहुत अच्छा या स्वतंत्र होता है। स्वाति का एक और अर्थ है — धर्मगुरु, जिसे धर्मशास्त्र में महारत हासिल है। स्वाति नक्षत्र से जुड़े कुछ रहस्ययह नक्षत्र धर्म, अंतर्ज्ञान और भगवान का कारक है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है, वह इस नक्षत्र के विषय में जानने का हमेशा इच्छुक रहेगा। इस नक्षत्र की ऊर्जा बहुत दूर तक बिखरती है। कहीं पर यह नक्षत्र कायापलट या फिर कहीं पर बदलाव का बिंदु बन जाता है।खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र कर लेने की चाह इस नक्षत्र की पहचान है। हालांकि जीवन की कोई भी प्रक्रिया हो, उसमें यह बहुत अस्त—व्यस्त दिखाई देते हैं। इस नक्षत्र से जुड़े जातक मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में अत्यंत सफल साबित हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है चलिए समझते हैं। स्वाति नक्षत्र से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार देखें तो इस नक्षत्र/Nakshatra से जुड़े व्यक्ति अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। हालांकि उतार-चढ़ाव का संबंध घर के उस स्वामी पर निर्भर करता है, जिससे यह नक्षत्र प्रभावित रहता है। यह आपसी संबंध, धन आदि से भी जुड़ा होता है। स्वाति नक्षत्र राशि चक्र में पूरी तरह से तुला राशि को प्रभावित करता है, जो कि एक महत्वपूर्ण राशि है। राहु स्वाति नक्षत्र पर शासन करता है, जो कि एक शुष्क ग्रह है और शनि का उच्च अष्टक है। स्वाति नक्षत्र पर वायु या फिर कहें वायु देवता का शासन रहता है। स्वाति नक्षत्र के विषय में अधिक जानकारी इस नक्षत्र में बैठे चंद्रमा, व्यक्ति के मन में इधर—उधर के विचार ला सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग निष्कर्ष निकालने में सक्षम नहीं होते। ऐसा जातक रीढ़विहीन स्वभाव के हो सकते हैं।स्वाति नक्षत्र के जातक की विशेषताएं समाजसेवी शैक्षिक संस्थाओं का गठन करने वाले इस नक्षत्र से जुड़े जातक अमूमन ट्रैवल, टूरिज्म और विमानन उद्योग से जुड़े होते हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने और स्वतंत्र रहने का प्रयास करते हैं। इनके रिश्ते और साझेदारी अमूमन उतार-चढ़ाव भरी होती है।मार्केटिंग ही क्यों है स्वाति नक्षत्र के लिए सबसे उत्तम क्षेत्रमार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की बहुत जरूरत पड़ती है, जैसे अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचाना और उपभोक्ताओं की समस्या का तुरंत पता लगाना। इन दोनों ही विषय में स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं। इसके साथ साथ मार्केटिंग में ऐसे व्यक्तियों की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, जो अपनी बातों को उपभोक्ताओं के समक्ष हंसते और खिलखिलाते चेहरे के साथ रखें और हर व्यक्ति को समझाना कि उन्हें इस सामान की आवश्यकता है।जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का व्यक्तित्व हंसने खेलने वाला होता है। ऐसा नहीं है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों को सिर्फ मार्केटिंग में सफलता मिलती है। वह अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सफल होने की संभावना अच्छी होती है। इससे अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.vinaybajrangi.com पर जा सकते है और अपॉइंटमेंट बुक करने पर डॉ विनय बजरंगी जी के समक्ष बैठकर आप अपने प्रश्नो के उत्तर पा सकते है।Source: https://sites.google.com/view/vinaybajrangis/blog/swati-nakshatra
CWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया।कोरोना संकट के बीच कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कोरोना वायरस के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर चिंता जाहिर की है। सोनिया गांधी का कहना है कि देश में अभी टेस्टिंग बहुत कम संख्या में हो रही है, इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है, जो गंभीर बात है।राज्यपाल जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान, ये राजनीतिक रोटियां सेंकने का समय नहीं हैCWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया। उनका कहना है कि जब सभी को एक साथ होकर इस महामारी से लड़ना चाहिए था तो बीजेपी उस समय नफरत के वायरस फैला रही है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी सुझाव दिए जा रहे हैं उनपर मोदी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस से जंग में जो स्वास्थ्यकर्मी दिन रात लड़ रहे हैं उन्हें सरकार अच्छी क्वालिटी के पीपीई किट मुहैया कराने में असफल रही है।सोनिया गांधी ने आगे कहा कि मुश्किल के इस वक्त में सरकार को गरीब, मजदूरों और किसानों के खाते में 7500 रुपये डालने चाहिए। जिससे वो अपने परिवार का पेट भर सके। किसानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश का किसान काफी परेशान है। अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चेन में आ रही परेशानी ने किसानों को बेहाल कर दिया है। सरकार को किसानों की समस्या को सुनकर इसका समाधान करना चाहिए। अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- जनता के साथ धोखाकेंद्र सरकार पर टेस्टिंग के आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हमने बार-बार सरकार से कहा कि वो टेस्टिंग की गति को बढ़ाये। क्योंकि इस महामारी से लड़ने के लिए एक सबसे बड़ा हथियार टेस्टिंग ही है। लेकिन सरकार सुनने को ही तैयार नहीं है। देश में टेस्ट का अनुपात काफी कम है। इसके अलावा कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए डॉक्टरों को जो पीपीई किट दी जा रही है वो भी अच्छी क्वालिटी की नहीं है।AB STAR NEWS के ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं.