1 लक्षद्वीप को पहले मिनिकॉय, लेक डाइव तथा अमिंडी ठीक के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम बदलकर लक्षद्वीप रखा गया।
2 राज्यों के पुनर्गठन के दौरान लक्षद्वीप को मद्रास से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। इसकी स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी।
3 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 64,473 थी। जिनमें पुरुषों व महिलाओं की जनसंख्या क्रमशः 33,123 और 31,350 है।
4 लक्षद्वीप केरल के काफी करीब है इस वजह से यहां की भाषा मलयालम है।
5 यहां की साक्षरता दर 91.85%(2011) है। जिसमें पुरुष साक्षरता दर 95.56 और महिला साक्षरता दर 87.95% है।
6 लक्षद्वीप में रहने वाली जनजातियों में मेलाचेरी, मल्मी, कोयस, अमिनीदीवी जनजाति प्रमुख है।
7 लक्षदीप का प्रमुख भोजन मछली है। इसके अलावा यहां के प्रमुख व्यंजनों में इडली, डोसा, सांभर आदि शामिल है।
8 लक्षदीप की जलवायु काफी सुहावनी है क्योंकि यहां समुद्र के किनारे गर्मी के दौरान भी अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक ही रहता है।
9 लक्षद्वीप का क्षेत्रफल 32.62 वर्ग किलोमीटर है।
10 लक्ष्यदीप में कुल 36 द्वीप है लेकिन इनमें से सिर्फ 10 द्वीप में ही जीवन मौजूद है।
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आप सभी को सुप्रभात…मेरा नाम_____ है और मैं_____ कक्षा में पढता हूँ/शिक्षक हूँ। जैसे कि हम सभी जानते हैं कि आज हम सभी यहाँ इस विशेष अवसर पर एकत्र हुए हैं। जिसे हम भारत के गणतंत्र दिवस के नाम से मनाते हैं।मैं आज के इस महान ख़ुशी के दिन पर आप सभी लोगों को भारत के गणतंत्र दिवस के विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहता हूँ।Read More:- Republic Day Speech in Hindi
वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्वाति नक्षत्र/Swati Nakshatra 27 नक्षत्रों में से एक है। स्वाति शब्द सु + अति से बना है, जिसका अर्थ बहुत अच्छा या स्वतंत्र होता है। स्वाति का एक और अर्थ है — धर्मगुरु, जिसे धर्मशास्त्र में महारत हासिल है। स्वाति नक्षत्र से जुड़े कुछ रहस्ययह नक्षत्र धर्म, अंतर्ज्ञान और भगवान का कारक है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है, वह इस नक्षत्र के विषय में जानने का हमेशा इच्छुक रहेगा। इस नक्षत्र की ऊर्जा बहुत दूर तक बिखरती है। कहीं पर यह नक्षत्र कायापलट या फिर कहीं पर बदलाव का बिंदु बन जाता है।खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र कर लेने की चाह इस नक्षत्र की पहचान है। हालांकि जीवन की कोई भी प्रक्रिया हो, उसमें यह बहुत अस्त—व्यस्त दिखाई देते हैं। इस नक्षत्र से जुड़े जातक मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में अत्यंत सफल साबित हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है चलिए समझते हैं। स्वाति नक्षत्र से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार देखें तो इस नक्षत्र/Nakshatra से जुड़े व्यक्ति अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। हालांकि उतार-चढ़ाव का संबंध घर के उस स्वामी पर निर्भर करता है, जिससे यह नक्षत्र प्रभावित रहता है। यह आपसी संबंध, धन आदि से भी जुड़ा होता है। स्वाति नक्षत्र राशि चक्र में पूरी तरह से तुला राशि को प्रभावित करता है, जो कि एक महत्वपूर्ण राशि है। राहु स्वाति नक्षत्र पर शासन करता है, जो कि एक शुष्क ग्रह है और शनि का उच्च अष्टक है। स्वाति नक्षत्र पर वायु या फिर कहें वायु देवता का शासन रहता है। स्वाति नक्षत्र के विषय में अधिक जानकारी इस नक्षत्र में बैठे चंद्रमा, व्यक्ति के मन में इधर—उधर के विचार ला सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग निष्कर्ष निकालने में सक्षम नहीं होते। ऐसा जातक रीढ़विहीन स्वभाव के हो सकते हैं।स्वाति नक्षत्र के जातक की विशेषताएं समाजसेवी शैक्षिक संस्थाओं का गठन करने वाले इस नक्षत्र से जुड़े जातक अमूमन ट्रैवल, टूरिज्म और विमानन उद्योग से जुड़े होते हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने और स्वतंत्र रहने का प्रयास करते हैं। इनके रिश्ते और साझेदारी अमूमन उतार-चढ़ाव भरी होती है।मार्केटिंग ही क्यों है स्वाति नक्षत्र के लिए सबसे उत्तम क्षेत्रमार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की बहुत जरूरत पड़ती है, जैसे अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचाना और उपभोक्ताओं की समस्या का तुरंत पता लगाना। इन दोनों ही विषय में स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं। इसके साथ साथ मार्केटिंग में ऐसे व्यक्तियों की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, जो अपनी बातों को उपभोक्ताओं के समक्ष हंसते और खिलखिलाते चेहरे के साथ रखें और हर व्यक्ति को समझाना कि उन्हें इस सामान की आवश्यकता है।जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का व्यक्तित्व हंसने खेलने वाला होता है। ऐसा नहीं है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों को सिर्फ मार्केटिंग में सफलता मिलती है। वह अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सफल होने की संभावना अच्छी होती है। इससे अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.vinaybajrangi.com पर जा सकते है और अपॉइंटमेंट बुक करने पर डॉ विनय बजरंगी जी के समक्ष बैठकर आप अपने प्रश्नो के उत्तर पा सकते है।Source: https://sites.google.com/view/vinaybajrangis/blog/swati-nakshatra