Mercury Transit 2022: ज्योतिष के अनुसार कुल नौ ग्रह है और जब भी यह अपनी राशि बदलते हैं, वह किसी ना किसी के लिए कुछ खास परिणाम देकर जाते हैं। ऐसे ही ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध 6 मार्च को अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। आपको बता दें कि 2022 में इस ग्रह का यह पहला राशि परिवर्तन/Planetary Transit या गोचर होगा। बुध 6 मार्च को शनि की राशि कुंभ में गोचर करेंगे। इस राशि में शनि के गोचर/Saturn Transit का सभी 12 राशियों पर कुछ न कुछ प्रभाव पड़ेगा। लेकिन मुख्य रूप से इस गोचर इन 3 राशियों की किस्मत चमकने वाली है। इन राशि के लोगों की तार्किक शक्ति और संवाद कौशल बढ़ेगा। आप इस दौरान जरूरी निर्णय लेने में सक्षम रहेंगे। चलिए जानते हैं कौन सी है यह राशियां।
इन राशियों की बदलेगी किस्मत
बुध राशि परिवर्तन (Mercury Enter in Aquarius) से इन राशियों की किस्मत में एक नया मोड़ आने वाला है। चलिए जानते हैं उन तीन राशियों के बारे में।
मेष राशि: बुध मेष राशि के ग्यारहवें भाव में स्थित रहेगा। नौकरी कर रहे लोगों के लिए यह समय विशेष रूप से लाभकारी साबित होगा। मेहनत का फल प्राप्त होगा जिससे आय में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है। आपके संवाद कौशल में सुधार होगा, जिससे आप अच्छा धन अर्जित करने में सफल रहेंगे। आपके संबंध अपने भाई-बहनों और दोस्तों के साथ मजबूत होंगे।
वृषभ राशि: इस दौरान बुध वृषभ राशि के दसवें भाव में गोचर करेंगे। अगर आप खुद का काम कर रहे हैं तो यह अवधि आपके लिए विशेष तौर पर लाभकारी साबित होने वाली है। आपके लिए आर्थिक रूप से यह अवधि बहुत लाभकारी साबित होगी। जो लोग प्रॉपर्टी डीलिंग और रियल स्टेट से जुड़े हुए हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल साबित हो सकता है।
धनु राशि: इस दौरान ऑफिस में कोई बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकती है। आपकी आय में वृद्धि होने की संभावना है। प्रमोशन के भी प्रबल योग (Job Promotion Yoga in birth chart) बन रहे हैं। आपके काम की सभी के द्वारा प्रशंसा की जा सकती है। मार्केटिंग और मीडिया क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए यह अवधि अनुकूल साबित हो सकती है। इस दौरान आपको अपनी प्रतिभा दिखाने का भरपूर मौका मिलेगा।
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हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक रोग दिन पर दिन बढ़ते जा रहें हैं और ये हमारे मस्तिष्क पर गलत प्रभाव डाल रहे हैं। आज हम जानते हैं डिमेंशिया बिमारी के बारे में, डिमेंशिया वैसे तो कोई बिमारी का नाम नहीं है बल्कि लक्षणों के समूह का नाम है जो की मस्तिष्क की हानि से सम्बन्धित है।इस बिमारी में आदमी को रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत होती है और उम्र के साथ ये बिमारी बढ़ती जाती है। अल्जाइमर की बिमारी डिमेंशिया में सबसे आम बिमारी है। इसमें हमारी सोचने समझने की ताकत बहुत कम हो जाती है और ऐसा दिमाग पर ज्यादा जोर डालने, अवसाद या अन्य किसी मानसिक बिमारी से हो जाता है। डिमेंशिया के कुछ आम लक्षण हैं :शार्ट टर्म मेमोरी लॉसचीजें रख के भूल जानाखाना खाना याद नहीं रहनाघूमने जाना भूल जाना डिमेंशिया की बहुत सी किस्में प्रोग्रेसिव होती है मतलब बढ़ती रहती हैं अगर आपको ये समस्याएं हैं तो हो सकता उम्र के साथ ये और बढ़ती चली जाएँ, इसलिए अच्छा यही है की आप तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। डिमेंशिया दिमाग में सेल्स को क्षति पहुंचने के कारण होता है, इसमें सेल्स सही से काम नहीं कर पाते और सूचना का आदान प्रदान ढंग से नहीं हो पाता, इस से हमारी सोचने समझने और अन्य काम करने की शक्ति पर फ़र्क़ पड़ता है। वैसे तो डिमेंशिया में सेल्स स्थाई रूप से ख़राब हो जाते है, पर हम इन लक्षणों को सही कर डिमेंशिया को कम कर सकते हैं डिप्रेशनअत्याधिक शराब पीनाथाइरोइड की समस्याविटामिन की कमी कैसें जांचें डिमेंशिया कोडिमेंशिया को जांच करने का कोई तरीका नहीं है, ये केवल लक्षणों से ही पता लगाया जा सकता है। डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री देख के ही इसका अनुमान लगा सकते हैं । इसके लिए वो कुछ लैब टेस्ट , दिन प्रतिदिन के काम को देख सकते हैं फिर भी डॉक्टर अनुमान ही लगा सकते हैं। एकदम सटीक डिमेंशिया के प्रकार का पता लगाना मुश्किल है, डॉक्टर ज्यादा केस में अल्जाइमर ही बताते है और यदि केस कुछ ज्यादा ही गंभीर है तो डिमेंशिया ही लिख देते हैं। अगर आपको ज्यादा गंभीर डिमेंशिया है तो आपको बड़े दिमागी डॉक्टर से मिलने की जरुरत पड़ सकती है।कैसे करें उपचारडिमेंशिया का उपचार उसके प्रकार पर निर्भर करता है अगर अल्ज़ाइमर और प्रोग्रेसिव डिमेंशिया है तो इसका इलाज न के बराबर ही होता है, ये उम्र के साथ बढ़ता ही रहता है । दूसरे तरह के डिमेंशिया में दवाई से ही असर हो जाता है और रोगी बिलकुल स्वस्थ हो जाता है। इस से बचने के सबसे अच्छा तरीका है, अच्छी जीवनशैली अपनाएं और स्वस्थ आहार लेकर इस के खतरे को कम किया जा सकता है। साबुत अनाज, फल, सब्जियों का भरपूर सेवन करें। आहार में कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, कैल्शियम, फाइबर और मैग्नीशियम का अधिक सेवन करें। नियमित रूप से व्यायाम करें और ज्यादा स्ट्रेस न लें। SOURCE: https://www.flypped.com/main-symptom-of-dementia-disease/hindi/