नई दिल्ली–कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत को लेकर लंबे अरसे से बहस जारी है और अब ऐसा लग रहा है की अभी जल्द इस पर पूर्ण विराम लगने वाला है।क्योंकि कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने और दिशानिर्देशों को और सरल बनाने के लिए जो आदेश जारी किए थे, उसका अनुपालन करते हुए अब केंद्र सरकार ने नई दिशानिर्देश जारी कर दी है।दरअसल आईसीएमआर ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत के मामलों में आधिकारिक दस्तावेज जारी करने के लिए अपने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीँ दूसरी ओर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करते हुए बताया है कि देश के महापंजीयक कार्यालय ने 3 सितंबर को ही मृतकों के परिजनों को मौत की वजह के साथ चिकित्सा प्रमाण पत्र देने का सर्कुलर जारी कर दिया गया था।
https://www.abstarnews.com/universal/national/development-of-farmers-through-contract-farming/किसान संगठन लगातार सरकार से बात करने से इनकार कर रहे हैं।केन्द्र सरकार ने जिस तरह किसानों से बार बार निवेदन किया उससे भी भारतीय किसान यूनियन से जुड़े संगठन राजी नहीं हैं । दरअसल किसानों के प्रदर्शन कर रहे गुट हर हाल में बिल को वापस लेने से कम पर राजी नहीं है। किसानों को कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी सीधे तौर पर कर रही है ।राहुल गांधी इस मामले पर लगातार ट्विट कर रह हैं कि सरकार किसान विरोधी है।देश के 5 राज्यों में चुनाव होने है जिसमें निकाय चुनावों के अलावा पंचायत चुनाव भी अहम हैं।ऐसे में सरकार को किसान विरोधी दिखा कर विपक्ष सत्ता में वापसी का रास्ता तलाश रहा है । केन्द्र की मोदी सरकार किसानों को बार बार समझा रही है की जिस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है वह बेबुनियाद है ।
वैज्ञानिक इस बात पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कुछ मामलों को छोड़कर जो मरीज कोरोना वायरस की वैक्सीन के बिना ठीक हुए हैं उन्हें यह वायरस दोबारा छू भी नहीं रहा है।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को ही कारगर तरीका बताया गया। इसे प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए तमाम देशों ने लॉकडाउन का रास्ता चुना। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कब तक कोरोना वायरस से बचने के लिए छिपकर बैठना होगा। इस बीच चर्चा होने लगी है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के बार में सोचना चाहिए। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना वायरस से मुकाबला करना आसान हो जाएगा।
अमेरिका में पहले मरीजों पर शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
दुनिया भर के कई देश अलग अलग तरीके से कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं। कोई वायरस से बचने के लिए घरों में रहने की सलाह दे रहा है तो कोई घर से बाहर निलकर कोरोना वायरस से लड़ने की बात पर अड़ा है। कोरोना से लड़ने का पहला रास्ता कहता है कि घर पर ही रहो और दूसरा रास्ता कहता है घरों से बाहर निकलो। कहा जा रहा है कि जब तक लोग घरों में हैं तब तक ही ठीक हैं लेकिन जैसे ही वो बाहर निलेंगे तो वायरस उन्हें घेर लेगा। इसलिए इस वायरस का डटकर सामना करने की बात कही जा रही है। जितने ज्यादा लोग संक्रमित होंगे इंसानों के शरीर में वायरस से लड़ने की उतनी ही क्षमता पैदा होगी। इसे ही हार्ड इम्युनिटी कहते हैं।
दिल्ली जीतने के बाद रविवार को मुख्यमंत्री की शपथ ले चुके अरविन्द केजरीवाल, विपक्षियों का दिल जीतने में भी सफल दिख रहें हैं ।ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि मुंबई प्रदेश के एक बड़े कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में केजरीवाल के कामों की तारीफ़ की है| मिलिंद देवरा ने देर रात रविवार को एक ट्वीट को रीट्वीट किया और लिखा , वो एक ऐसी जानकारी साझा कर रहें हैं जिसे कम लोग जानतें हैं , अरविन्द केजरीवाल की सरकार ने अपना राजस्व पिछले 5 सालों में दोगुना कर दिया है और इसे बरक़रार रखने में भी सफल हुए हैं । आगे बताते हुए उन्होंने लिखा , दिल्ली अब देश के सबसे आर्थिक सक्षम राज्यों में से एक है । पर मिलिंद जी की ये बात उनकी पार्टी के बड़े नेताओं को लगता है पसंद नहीं आई , एक तो पहले ही दिल्ली में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन ऊपर से मिलिंद का ये ट्वीट जले पर नमक का काम कर गया । दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेता अजय माकन ने मिलिंद देवरा के ट्वीट का जवाब देते हुए उनसे पुछा , क्या मिलिंद को पार्टी छोड़नी है ?
उन्होंने आगे लिखा की मिलिंद आधे अधूरे तथ्य न बताएं । अजय माकन ने एक टेबल के जरिये समझाया की कांग्रेस राज में प्रदेश का राजस्व 14.87% बढ़ा था पर केजरीवाल सरकार में ये सिर्फ 9.90% ही बढ़ा है । 1997-98 का राजस्व 4073 करोड़2013-14 का राजस्व 37459 करोड़कांग्रेस सरकार के दौरान 14.87 फीसदी राजस्व बढ़ा2015-2016 का राजस्व 41129 करोड़।2019-20 का राजस्व 60000 करोड़आप सरकार के दौरान 9.90 फीसदी का राजस्व बढ़ा एक तो कांग्रेस की हालत वैसे ही देश में ख़राब दिख रही है और मिलिंद के इस ट्वीट ने पार्टी के अंदर हलचल मचा दी है । मुफ्त चीजें बाटनें का केजरीवाल पर हमेशा से आरोप लगता रहा है । एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 में दिल्ली सरकार ने 5,236 करोड़ रुपए के राजस्व सरप्लस का अनुमान रखा है। 2018-19 में राज्य सरकार का अनुमानित राजस्व 4,931 करोड़ रुपए था। कांग्रेस की इस ट्वीट वॉर से ट्विटर वालों को मजा लेने का मौका मिल गया है। लोग तरह तरह के ट्वीट करके अपना अपना मत रख रहें हैं । SOURCE: https://www.flypped.com/follow-thor-star-chris-hemsworths-workout-and-diet-plan-to-get-a-ripped-body-like-superhero/health-fitness/