पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
Kiradu Temple in Rajasthan: हमारे सामने आने वाले कई तथ्य ऐसे होते है जो हमें हैरान कर देते है जिन पर हम चाहकर भी विश्वास नहीं कर पाते है। आपने कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहाँ रात को रुकने पर आप इंसान से पत्थर बन सकते है। हो गए ना हैरान?
अगर नहीं, तो हम आपको आज ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहाँ अगर आप रात को ठहरे तो इंसान से पत्थर में बदल जाएगें। चलिए जानते है इस रहस्यमय जगह के बारे में।राजस्थान का ये गांव (Kiradu Temple in Rajasthan)राजस्थान की ताप्ती रेतीली धरती अपने अंदर कई राज समेटे बैठी हैं। यह राज ऐसे होते हैं जिन्हें जानकर बड़े-बड़े हिम्मतवालों के पसीने छूट जाते हैं। कुलधारा गांव और भानगढ़ का किला राजस्थान में स्थित ऐसे ही रहस्यमय स्थानों में से एक है जो पूरी दुनिया में भूतिया स्थान के रुप में में जाने जाते है।बारमेर जिले में स्थित किराडू का मंदिर (Kiradu Temple) रहस्य के मामले में कुलधारा और भानगढ़ जितना ही खौफनाक है। यह मंदिर राजस्थान में खजुराहो मंदिर के नाम से मशहूर है जो प्रेमियों के लिए विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र हैं। लेकिन इस जगह की खौफनाक हकीकत को जानने के बाद कोई भी शख्स सूरज ढलने के बाद यहां ठहरने की हिम्मत नहीं करता है।पत्थर का बन जाता है इंसान (Mysterious Temples in India)किराडू के मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां शाम होने के बाद जो भी रह जाता है वो या तो पत्थर का बन जाता है या फिर मौत की गहरी नींद में सो जाता है। इस स्थान के बारे में यह मान्यता सदियों से चली आ रही है। पत्थर बन जाने के खौफ के कारण यह इलाका शाम होते ही पूरा वीरान हो जाता है।इस मान्यता के पीछे एक ऐसी अजीब कहानी है जिसकी गवाह एक औरत की पत्थर की मूर्ति है, जो किराडू से कुछ दूरी पर सिहणी गांव में स्थित है। किराडू के लोग बन गए पत्थर (Kiradu Temple History in Hindi)यह बात वर्षों पहले की है जब किराडू में एक तपस्वी पधारे थे। इनके साथ शिष्यों की एक टोली थी। एक दिन तपस्वी अपने शिष्यों को गांव में ही छोड़कर भ्रमण के लिए चले गए। इस दौरान अचानक शिष्यों का स्वास्थ्य काफी ख़राब हो गया।उस समय गांव के लोगों ने शिष्यों की कोई मदद नहीं की। जब तपस्वी किराडू लौटे कर वापस आए और अपने शिष्यों की ये दशा देखी तो क्रोधित होकर गांव वालों को श्राप दिया कि जिस स्थान के लोगों का हृदय पाषाण का हैं वह इंसान बने रहने के योग्य नहीं हैं इसलिए सब पत्थर के बन जाएं।सिर्फ एक कुम्हारन थी जिसने शिष्यों की मदद की थी। उस पर दया करते हुए तपस्वी ने कहा कि तुम इस गांव से चली जाओ वरना तुम भी गांववालों के साथ पत्थर की बन जाओगी। लेकिन याद रखना गांव से जाते समय भूल से भी पीछे मुड़कर मत देखना।तपस्वी की आज्ञा का पालन करते हुए कुम्हारन गांव से चली जाती है लेकिन उसके मन में यह बात आने लगती है कि तपस्वी की कही बात सच भी है या नहीं और वह पीछे मुड़कर देख लेती हैं। इस तरह मुड़कर देखते ही वो महिला भी पत्थर की बन जाती है। सिहणी गावं में स्थापित कुम्हारन की पत्थर की मूर्ति आज भी उस घटना की याद दिलाती है।
हालाँकि, यह ध्यान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं है और न ही ज़ेन ध्यान के दौरान कैसे बैठें यह एक बहुत ही रोचक प्रश्न है। कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि बैठने का यह बड़ा नापसंद है। वे वहां नहीं रहना चाहते हैं, वे बस वहां लेटना चाहते हैं, जिस स्थिति में वे चाहते हैं कि वे अपने आप से सोच रहे हों, "मुझे उठना है और कुछ हाथ या पैर या कुछ भी ले जाना है ताकि मैं कुछ गहरी चेतना में जा सकूं।" मेरे लिए सुंदर ज़ेन लगता है।
वास्तविक सत्य यह है कि बैठना बहुत महत्वपूर्ण है, और यह ध्यान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।यह आपका प्राथमिक ध्यान होना चाहिए। निश्चित रूप से, बैठे हुए ध्यान आपको मन की अधिक आराम की स्थिति प्राप्त करने में मदद कर सकता है, लेकिन यह आपको उस तरह से कोई शक्ति नहीं देता है जिस तरह से आपका शरीर उस समय महसूस करता है जब आप ध्यान कर रहे होते हैं।
लोग सोचते हैं कि बैठना ध्यान के लिए एक शर्त है, लेकिन यह सच नहीं है। यदि आप बैठते समय बैठने में सहज नहीं हैं, तो आप ऐसा नहीं भी कर सकते हैं। और यदि आप हैं, तो आप केवल बैठे-बैठे ही नाराज हो जाएंगे।
तो आपको बैठने के लिए कैसे संपर्क करना चाहिए? शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसे तार्किक दृष्टिकोण से देखा जाए। अगर आप इसे अपने दिमाग से देखेंगे तो आप पाएंगे कि मन ध्यान करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए आपको कुशन या तकिए पर बैठकर दिमाग से काम लेना चाहिए। विचार यह है कि मन को विश्राम और शांति की स्थिति में जाने दिया जाए।
जब आपका मन अन्य विचारों में नहीं भटक रहा हो, तो अपनी आँखें बंद करना शुरू करें। अपने आप को एक अंधेरे कमरे में काले और सफेद विपरीत रंगों के साथ देखें। कमरे के केंद्र में और अपनी आंखों से उसके आस-पास एक जगह देखने पर ध्यान दें। विज़ुअलाइज़ेशन को आपके लिए वास्तविक होने में कुछ क्षण लग सकते हैं, लेकिन सुनिश्चित करें कि आप इस पर ध्यान केंद्रित करते हैं। फिर आप अपने शरीर को अपने पैरों से सिर तक मालिश करके अपने शरीर को आराम देने के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
यह आसान लग सकता है, लेकिन जब आप इसके बारे में सोचते हैं, तो आप पाएंगे कि इस कार्य को पूरा करने के लिए आपको बहुत अधिक एकाग्रता करनी होगी। तो, ज़ेन ध्यान के दौरान कैसे बैठना है यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है। हालाँकि, एक बार जब आप यह सीख लेते हैं, तो आप जब चाहें इसका सफलतापूर्वक अभ्यास कर सकेंगे। जैसे-जैसे आप अपने अभ्यास के माध्यम से आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे विश्राम और ध्यान तकनीकों के बारे में न भूलें।