डायबिटीज को हिंदी मधुमेह कहते है|यह क्या है?शरीर को ठीक से काम करने के लिए, रक्त में ग्लूकोज का एक स्वस्थ स्तर बनाए रखने की आवश्यकता होती है। मधुमेह में इस स्तर का संतुलन बिघड जाता है और यह शरीर में रक्त शर्करा को ग्लूकोज के रूप में संसाधित करने के तरीके को प्रभावित करने लगता है।ग्लूकोज आपके शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। यह आपके कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों से आता है, जैसे कि रोटी, पास्ता, चावल, अनाज, फल, स्टार्च वाली सब्जियां, दूध और दही।इनका सेवन करने से आपकी रक्त धारा आपके शरीर के चारों ओर ग्लूकोज को पहुंचाती है, और आपकी कोशिकाएं इसे ऊर्जा में बदल देती हैं। शरीर को इंसुलिन (insulin) की आवश्यकता होती है जिसका उत्पादन अग्न्याशय (Pancreas) में होता है। यह इन्सुलिन ग्लूकोज (glucose) को तोडकर आपकी कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए मददगार होता है|मधुमेह या डायबिटीज के मुख्यतः 2 प्रकार होते है (Types of Diabetes) –Type 1 डायबिटीजType 2 डायबिटीजटाईप 1 डायबिटीज-(Type 1 Diabetes)टाईप 1 में अग्न्याशय (Pancreas) (आपके पेट के पीछे का अंग) बहुत कम इंसुलिन या बिल्कुल भी इंसुलिन पैदा नहीं करता है। इंसुलिन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला हार्मोन है, जो अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है, जो शरीर को ऊर्जा के लिए चीनी का उपयोग करने में मदद करता है।टाईप 2 डायबिटीज–(Type 2 Diabetes)टाईप 2 में अग्न्याशय (Pancreas) इंसुलिन बनाता है, लेकिन बनाया गया इंसुलिन (insulin) उस तरह से काम नहीं करता जैसा उसे करना चाहिए। इस स्थिति को इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेजिस्टन्स (insulin resistance) कहा जाता है।मधुमेह वाले लगभग 5% लोगों में ही टाइप 1 होता है। यह पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। जबकी टाईप २ मधुमेह की संख्या दिन ब दिन बढती ही जा रही है। टाईप १ को ठीक करना बहुत कठीन होता है। जबकी टाईप 2 को रिवर्स कर सकते है। मधुमेह या टाईप 2 होने का मूल कारण इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) है .ऐसी 7 बाते हैं जो इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनते हैं| उन्हे इस प्रकार विभाजित किया जाता है|• आहार संबंधी चार कारण• व्यायाम संबंधी दो कारण• तनाव संबंधी एक कारणटाईप 2 मधुमेह में ये लक्षण देखे जाते है-• अधिक बार मूत्र आना, आमतौर पर रात में देखा जाता है• शुष्क मुँह• सामान्य से अधिक प्यास लगना• थकान, सुस्ती या जलन महसूस होना• खाए जाने के बावजूद लगातार भूख लगना• कट, घाव या अल्सर का धीरे-धीरे ठीक होना• खुजली, त्वचा में संक्रमण• मूत्राशय में संक्रमण• धुंधली दृष्टि• वजन में बदलाव – वजन में धीरे-धीरे वृद्धि• मिजाज में बदलाव• सिरदर्द• चक्कर आना• निचले पैरों और / या पैरों में दर्द या झुनझुनी होनामधुमेह के संभावित समाधान क्या हैं?आम तौर पर मधुमेह के होने का पता चलते ही उसे नियंत्रित करने पर ही ध्यान दिया जाता है। अँटी डायबेटीकी मेडिक्शन पर रखकर। जीन स्थितियो में शुगर नियंत्रण खो देती है वहा इन्सुलिन दिया जाता है या इन्सुलिन की आवश्यकता होती है। लगभग 10 साल पहले मधुमेह (diabetes) के रिवर्स होने के बारे में कोई नहीं जानता था। लेकिन अब अध्ययन के माध्यम से हमें रिवर्सल के 7 सत्य पता चल गए हैं और ये अनुभवजन्य सत्य हैं।फ्रिडम फ्रॉम डायबिटीज एक ऐसी संस्था है जो डायबिटीज रिवर्स करने में एक्स्पर्ट है। इस संस्था के संस्थापक डॉ प्रमोद त्रिपाठी जी है। डाएट, एक्सरसाईज, आंतरिक परिवर्तन और मेडिकल इन चार आधार स्तंभोपर काम करके इन्होने ९९,००० लोगो के जीवन में परिवर्तन लाया है।इन का डायबिटीज रिव्हर्सल प्रोग्रॅम एक बहुत बेहतरीं प्रोग्रॅम है जहाँ डॉक्टर, मेंटॉर, एक्सरसाईज एक्स्पर्ट, डीएटिशियन की मदद से चरण-दर-चरण डायबिटीज की दवा अथवा इन्सुलिन से फ्रिडम पाया जा सक्ती है।हमारे website को भेट देकर आप अनेक लोगो के बारे में जान सकते है जिन्होने अपना डायबिटीज रिवर्स किया है|
पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
मुख्य विशेषताओं में कोई ओव्यूलेशन नहीं अनियमित पीरियड्स, मुंहासे और हिर्सुइटिज़्म शामिल हैं। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह इंसुलिन प्रतिरोधी मधुमेह मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है जिससे हृदय रोग हो सकता है। हार्मोनल असंतुलन अंडाशय में समस्याएं पैदा करता है। अंडाशय एक स्वस्थ मासिक धर्म चक्र के हिस्से के रूप में हर महीने जारी होने वाले अंडे का निर्माण करते हैं। पीसीओएस के साथ अंडा विकसित नहीं हो सकता है या इसे ओव्यूलेशन के दौरान जारी नहीं किया जा सकता है जैसा कि होना चाहिए। पीसीओएस मिस्ड या अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकता है। अनियमित अवधियों के कारण हो सकता है। बांझपन (गर्भवती होने में असमर्थता)। वास्तव में अगर देखा जाए तो पीसीओएस महिलाओं में बांझपन के सबसे आम कारणों में से एक है।
Google Find Android Zero Day: हमेशा से एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर हैक होने का खतरा रहता है जिसकी पुष्टि गूगल भी करता है। हर रोज़ प्ले-स्टोर से हज़ारों वायरस वाले एप को डिलीट किया जाता हैं। अब एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें ये दावा किया गया है कि एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में एक बड़ी कमी है.
इस कारण से सैमसंग, गूगल और शाओमी जैसी बड़ी कंपनियों के स्मार्टफोन के हैक होने का खतरा होता है।गूगल की एंड्रॉयड जीरो टीम ने किया दावा (Google Find Android Zero Day)इन कंपनियों के फोन में पाई गई इस खामी को एंड्रॉयड जीरो-डे (Android Zero Day) नाम दिया गया है। गूगल की प्रोजेक्ट जीरो टीम ने इस कमी के बारे में पता लगाया है। गूगल की प्रोजेक्ट टीम के अनुसार, एंड्रॉयड जीरो-डे की सहायता से हैकर्स आपके फोन पर पूरी तरह से कब्जा जमा सकते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि यह खामी एंड्रॉयड के Linux Kernel कोड में पाई गई है।क्या है कर्नल कोड?अब सवाल ये उठता है कि कर्नल कोड होता क्या है?
तो हम आपको बताने जा रहे है कि कर्नल कोड वह कोड होता है जो मेमोरी के सेफ एरिया में लोड किया जाता है ताकि इसे किसी दूसरे प्रोग्राम या ऑपरेटिंग सिस्टम के किसी दूसरे पार्ट से नहीं बदला जा सकता है। कर्नल कोड सिस्टम हार्डवेयर को सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन के साथ जोड़ता है। सभी ऑपरेटिंग सिस्टम एक कर्नल कोड के साथ आते हैं। इस स्थिति में हैकर्स एक झटके में आपके फोन को हैक कर उसको पूरा कंट्रोल कर सकते हैं।इन मोबाइल पर है हैकिंग का खतरागूगल प्रॉजेक्ट जीरो की टीम के अनुसार, इस खामी की वजह से जिन स्मार्टफोन पर हैक होने का खतरा सबसे अधिक है उनमें नीचे दिए गए फ़ोन शामिल हैगूगल पिक्सल 1,गूगल पिक्सल 1 XL,गूगल पिक्सल 2,हुवावे पी20,शाओमी रेडमी 5A,एमआई ए1,शाओमी रेडमी नोट 5,ओप्पो A3,मोटो Z3,सैमसंग गैलेक्सी S7,इन स्मार्टफोन्स के अलावा ऑरियो 8.0 पर चलने वाले एलजी के सभी स्मार्टफोन्स पर हैकिंग का खतरा है।क्या है बचाव का तरीका?इन स्मार्टफोन्स की इस खामी के सामने आने के बाद गूगल इन मोबाइल के लिए जल्द ही अपडेट जारी करने वाला है। अगर आपके पास इनमें से ही कोई फोन है और उसमें कोई लेटेस्ट अपडेट आया है तो उसे तुरंत अपडेट करें क्योंकि ये हैकिंग के खतरों को कम करते है। वैसे भी जब भी कोई अपडेट आए तो फोन को जरूर अपडेट करना चाहिए।इसे जरूर पढ़ें | Xiaomi Mi Mix Alpha: शाओमी ने लॉन्च किया अब तक का सबसे ताकतवर स्मार्टफोनइसे जरूर पढ़ें | iphone 11 Price in India: इन 12 देशों में भारत के मुकाबले सस्ता मिलता है आईफोन, देखें कीमतइसे जरूर पढ़ें | Side Effects of Smartphone in Hindi:अगर आप करते है मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल तो हो जाए सावधान