WyrcanNews India 2020-02-01
Delhi Elections 2020: दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के लिए जो घोषणा पत्र जारी किया वह संकल्प पत्र नहीं ‘झांसा पत्र’ है।Delhi Elections 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा (BJP) ने शुक्रवार (31 जनवरी 2020) को अपना ‘संकल्प पत्र’ जारी किया। BJP ने इस घोषणा पत्र में दिल्ली की जनता से कई सारे वादे किए हैं, जिसकोे लेकर विपक्ष ने प्रतिक्रिया देते हुए कई सवाल खड़े किए हैं।दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि ‘यह संकल्प पत्र नहीं ‘झांसा पत्र’ है, भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जो वादे किए थे। उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया। जब विपक्ष ने उन वादों पर सवाल खड़े किए और वादों पर जवाब मांगा तो उन वादों को सरकार ने जुमला बता दिया। इस बार फिर से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़े-बड़े वादे किए हैं। चुनाव जीतने के बाद एक भी वादा पूरा होने वाला नहीं है।’सुभाष चोपड़ा ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के अपने चुनाव घोषणा पत्र में 10 लाख रोजगार देने की बात की है, जबकि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में
We Believe In Jesus Christ 2022-08-29
जो धर्म और कृपा का पीछा पकड़ता है, वह जीवन, धर्म और महिमा भी पाता है।नीतिवचन 21:21सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है॥मत्ती 6:34इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं।इफिसियों 5:15-16जैसे जल में मुख की परछाई सुख से मिलती है, वैसे ही एक मनुष्य का मन दूसरे मनुष्य के मन से मिलता है।नीतिवचन 27:19जो शिक्षा पर चलता वह जीवन के मार्ग पर है, परन्तु जो डांट से मुंह मोड़ता, वह भटकता है।नीतिवचन 10:17जो अपने प्राण बचाता है, वह उसे खोएगा; और जो मेरे कारण अपना प्राण खोता है, वह उसे पाएगा।मत्ती 10:39यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।यूहन्ना 6:35इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं? मत्ती 6:25तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।यूहन्ना 8:12जिस के पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है॥1 यूहन्ना 5:12wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc
Think With Niche 2022-06-20
Post Highlightदुनियाभर में शरणार्थियों के साहस और शक्ति को सम्मानित करने के लिए हर साल 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस (World Refugee Day) मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र इस दिन को उन शरणार्थियों को सम्मानित करने के लिए मनाता है, जिन्हें उनके घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया है। यह दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि नए देशों में शरणार्थियों के लिए समझ और सहानुभूति का निर्माण किया जा सके और इन लोगों को विश्व में पहचान मिल सके। ये लोग दूसरे देशों में जाकर खुद के जीवन को दोबारा से अच्छे से बिता सके। साथ ही उन्हें यह एहसास दिलाया जा सके कि वे न केवल जीवित रहेंगे, बल्कि अपने अधिकारों और सपनों को प्राप्त करने की दिशा में भी कामयाब होंगे। इसलिए दुनिया भर की सरकारों को शरणार्थियों की रक्षा और समर्थन के लिए इस दिवस पर अपने कर्तव्यों का एहसास कराया जाता है। हर साल ‘वर्ल्ड रिफ्यूजी डे’ मनाने का मुख्य उद्देश्य शरणार्थियों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है और इसके बारे में लोगों को जागरूक करना है।जब भी युद्ध होता है या फिर आतंकी हमले होते हैं तो इन हमलों से बचने के लिए हर मिनट में कई लोग अपने देश को खो देते हैं या फिर उन्हें अपना देश मजबूरी में छोड़ना पड़ता है। बस उन्ही लोगों के सम्मान में World Refugee Day विश्व शरणार्थी दिवस 20 जून को मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जब हम दुनिया भर के लाखों शरणार्थियों के लिए अपना सम्मान दिखाएंगे। संयुक्त राष्ट्र United Nations इस दिन को उन शरणार्थियों को सम्मानित करने के लिए मनाता है, जिन्हें उनके घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया। इस दिन का उद्देश्य नए देशों में अपना जीवन बना रहे शरणार्थियों के लिए समझ और सहानुभूति का निर्माण करना है। चलिए आज इस आर्टिकल में World Refugee Day विश्व शरणार्थी दिवस के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि विश्व शरणार्थी दिवस का इतिहास क्या है और दिन को मनाने का क्या उद्देश्य है।विश्व शरणार्थी दिवस (World Refugee Day) क्या है? पहली बार विश्व शरणार्थी दिवस 20 जून, 2001 को मनाया गया था। दुनिया भर में शरणार्थियों को सम्मानित करने के लिए, 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस या ‘वर्ल्ड रिफ्यूजी डे’ World Refugee Day मनाया जा जाता है। इसके लिए, दुनिया भर की सरकारों को शरणार्थियों की रक्षा और समर्थन Protecting and supporting refugees के लिए इस तिथि पर अपने कर्तव्यों का एहसास कराया जाता है। 2019 के अंत तक, दुनिया में जबरन विस्थापित होने वाले लोगों की अनुमानित संख्या लगभग 79. 5 मिलियन है।यह दिन दुनिया भर में शरणार्थियों की बुरी स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने Raising awareness of the plight of refugees और उनकी रक्षा करने के बारे में बताता है। 20 जून को हम शरणार्थियों के साहस, शक्ति और दृढ़ संकल्प का सम्मान करने के लिए विश्व शरणार्थी दिवस मनाते हैं। यानि दुनियाभर में शरणार्थियों के साहस और शक्ति को सम्मानित करने के लिए हर साल 20 जून को वर्ल्ड रिफ्यूजी डे मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र इस दिन को उन शरणार्थियों को सम्मानित करने के लिए मनाता है, जिन्हें उनके घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया।संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर 20 जून को वर्ल्ड रिफ्यूजी डे के तौर पर चिन्हित किया है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से ये दिन इसलिए भी मनाया जाता है ताकि नए देशों में शरणार्थियों के लिए समझ और सहानुभूति का निर्माण किया जा सके। इन लोगों के विस्थापन के पीछे उत्पीड़न, संघर्ष, हिंसा, मानवाधिकारों का उल्लंघन persecution, conflict, violence, human rights violations या सार्वजनिक व्यवस्थाओं को गंभीर रूप से परेशान करने वाली घटनाएं शामिल हैं। संघर्षों और आतंक के अलावा आज दुनिया में कई शरणार्थी ऐसे भी हैं जिन्हें प्राकृतिक आपदाओं जैसे सुनामी, भूकंप, बाढ़ Natural calamities like tsunami, earthquake, flood आदि के कारण अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके लिए दुनिया भर की सरकारों को शरणार्थियों की रक्षा और समर्थन के लिए इस तिथि पर अपने कर्तव्यों का एहसास कराया जाता है।पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में शरणार्थी रहते हैं। शरणार्थियों को निरंतर उत्पीड़न, संघर्ष और हिंसा से पीड़ित होकर अपना देश छोड़कर दूसरे देश में बसना पड़ता है। कुछ देशों में उन्हें शरण मिलती है लेकिन कुछ देशों से उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है। कुछ देश उन्हें अपना तो लेते हैं लेकिन वो सम्मान और अधिकार नहीं मिल पाता है इसलिए हर साल ‘वर्ल्ड रिफ्यूजी डे’ मनाने का मुख्य उद्देश्य शरणार्थी के साहस, शक्ति और संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त करना है। हर साल 20 जून को अंतराष्ट्रीय समुदाय का विश्वभर के शरणार्थियों की हालत की तरफ ध्यान खींचने के लिए मनाया जाता है। पूरी दुनिया में 8 करोड़ महिलाएं, बच्चे और पुरुष शरणार्थी के तौर पर अपना जीवन बिता रहे हैं।रिफ्यूजी" या शरणार्थी कौन होते हैं? 1 मिलियन) देशों से हैं।संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष लाखों लोग शरणार्थियों के रुप में शरण लेते हैं। इसमें सबसे अधिक म्यांमार, लीबिया, लेबनान, बांग्लादेश, सीरिया, अफगानिस्तान, मलेशिया, यूनान और अफ्रीकी देशों Myanmar, Libya, Lebanon, Bangladesh, Syria, Afghanistan, Malaysia, Greece and African countries से लाखों लोग अपना देश छोड़कर शरण लेते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में 8. 5 मिलियन शरणार्थियों में से 26 मिलियन 18 वर्ष से कम आयु के हैं|वर्ल्ड रिफ्यूजी डे का इतिहास History of World Refugee Dayविश्व शरणार्थी दिवस पहली बार 20 जून 2001 को मनाया गया था। यह दिन 1951 के शरणार्थी समझौते की 50वीं वर्षगांठ पर मनाया गया था। शरणार्थियों की देख-भाल संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNHCR करती है। संयुक्त राष्ट्र इस दिन को उन शरणार्थियों को सम्मानित करने के लिए मनाता है, जिन्हें उनके घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया।दरअसल शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त UNHCR (United Nations High Commissioner for Refugees) का कार्यालय 1950 में, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, उन लाखों यूरोपीय लोगों की मदद के लिए बनाया गया था, जो अपने घर छोड़कर भाग गए थे या खो गए थे। कई राष्ट्र और क्षेत्र वर्षों से विश्व शरणार्थी दिवस पर समारोह आयोजित कर रहे हैं।4 दिसंबर 2000 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अफ्रीका के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। अफ्रीकी एकता संगठन Organisation of African Unity (OAU) ने 20 जून को अंतर्राष्ट्रीय शरणार्थी दिवस को अफ्रीका शरणार्थी दिवस के साथ मनाने का निर्णय लिया। उसके बाद से ही विधानसभा ने सहमति व्यक्त की कि 2001 से 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। बस फिर इस दिन को शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त द्वारा दुनिया भर में लगभग 14 मिलियन शरणार्थियों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए नामित किया गया था।Tags: world refugee day 2022, protecting and supporting refugees, raising awareness of the plight of refugeesइस लेख को पूरा पढ़ने के लिए कृपया लिंक पर क्लिक करें -लेटेस्ट हिंदी बिज़नेस न्यूज़ पढ़ने के लिए कृपया लिंक पर क्लिक करें -
Puja Publication 2022-02-21
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nemarampunavat nemarampunavat 2019-08-07
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