Coronavirus effects on relationship - कोरोना वायरस ने दुनिया भर में भारी तबाही मचा दी है, इस से अबतक छह हज़ार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है और करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोग इस से दुनिया भर में ग्रसित हैं। इस बीमारी की शुरुवात चीन से हुई थी और चीन ही इस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है , यहाँ के लोग घरों में लोग क़ैदियों की तरह रहने को मजबूर हो गए हैं, कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं जा रहा है कोरोना की वजह से लोग घर में बंद हैं और इस से घर में लड़ाई भी बढ़ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, चीन के सिचुआन प्रांत में एक महीने में 300 से ज्यादा लोगों ने तलाक के लिए अर्जी दी हैं। इसकी वजह ये है की अब लोग ज्यादा से ज्यादा समय एक साथ बिता रहें हैं और इस से घर में कलह बढ़ रहा है। दजोउ प्रान्त के एक मैरिज रजिस्ट्री ऑफिस ने बताया की वायरस आने के बाद तलाक की अर्जियों में बढ़ोतरी हुई है। अबतक तक तो कोरोना से लोगों को खतरा था पर अब तो ये परिवार में भी दरार का कारण बढ़ रहा है। Read more – Latest Coronavirus update in Hindi
वैज्ञानिक इस बात पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कुछ मामलों को छोड़कर जो मरीज कोरोना वायरस की वैक्सीन के बिना ठीक हुए हैं उन्हें यह वायरस दोबारा छू भी नहीं रहा है।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को ही कारगर तरीका बताया गया। इसे प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए तमाम देशों ने लॉकडाउन का रास्ता चुना। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कब तक कोरोना वायरस से बचने के लिए छिपकर बैठना होगा। इस बीच चर्चा होने लगी है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के बार में सोचना चाहिए। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना वायरस से मुकाबला करना आसान हो जाएगा।
अमेरिका में पहले मरीजों पर शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
दुनिया भर के कई देश अलग अलग तरीके से कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं। कोई वायरस से बचने के लिए घरों में रहने की सलाह दे रहा है तो कोई घर से बाहर निलकर कोरोना वायरस से लड़ने की बात पर अड़ा है। कोरोना से लड़ने का पहला रास्ता कहता है कि घर पर ही रहो और दूसरा रास्ता कहता है घरों से बाहर निकलो। कहा जा रहा है कि जब तक लोग घरों में हैं तब तक ही ठीक हैं लेकिन जैसे ही वो बाहर निलेंगे तो वायरस उन्हें घेर लेगा। इसलिए इस वायरस का डटकर सामना करने की बात कही जा रही है। जितने ज्यादा लोग संक्रमित होंगे इंसानों के शरीर में वायरस से लड़ने की उतनी ही क्षमता पैदा होगी। इसे ही हार्ड इम्युनिटी कहते हैं।
न्यूज़ डेस्क : बीते दिनों ही Samsung Galaxy M51 को इंडियन मार्केट में पेश किया गया है तथा इस स्मार्टफोन की मुख्य विशेषता इसमें दी गई 7,000mAh की बैटरी है। इस बैटरी क्षमता के साथ आने वाला यह कंपनी का प्रथम स्मार्टफोन है।इसके अतिरिक्त Galaxy M51 को Snapdragon 730G चिपसेट पर लॉन्च किया गया है तथा इसमें क्वाड रियर कैमरा सेटअप प्राप्त होगा। देश में यह स्मार्टफोन आज मतलब 18 सितंबर को प्रथम बार सेल के लिए प्राप्त कराया जाएगा।देश में Samsung Galaxy M51 को दो स्टोरेज मॉडल में पेश किया गया है। उपभोक्ता इसके 6GB + 128GB मॉडल को 24,999 रुपये में क्रय कर सकते हैं, जबकि 8GB + 128GB मॉडल का दाम 26,999 रुपये है।यह स्मार्टफोन आज दोपहर 12 बजे प्रथम बार सेल के लिए उपलब्ध होगा। इसे Samsung के पोर्टल तथा Amazon।in से क्रय किया जा सकता है यह स्मार्टफोन इलेक्ट्रिक ब्लू तथा ब्लैक रंग विकल्प में उपलब्ध है।साथ ही Samsung Galaxy M51 के साथ इंट्रोड्यूसरी ऑफर भी लॉन्च किया गया है उपभोक्ता इस स्मार्टफोन पर 2,000 रुपये का इंस्टैंट डिस्काउंट प्राप्त कर सकते हैं।परन्तु यह डिस्काउंट HDFC कार्ड से ईएमआई ट्रांजेक्शन पर ही प्राप्त होगा। इसका मुनाफा 18 सितंबर से 20 सितंबर तक उठाया जा सकता है। Samsung Galaxy M51 को Snapdragon 730G प्रोसेसर पर लॉन्च किया गया है तथा इसमें ग्राफिक्स के लिए Adreno 618 जीपीयू उपलब्ध किया गया है।इस स्मार्टफोन में 6।7 इंच का फुल एचडी+ सुपर एमोलेड+ डिस्प्ले उपस्थित है जिसमें सेल्फी के लिए पंच होल कटआउट उपलब्ध किया गया है। इसी के साथ ये फ़ोन बेहद ही आकर्षक है।
CWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया।कोरोना संकट के बीच कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कोरोना वायरस के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर चिंता जाहिर की है। सोनिया गांधी का कहना है कि देश में अभी टेस्टिंग बहुत कम संख्या में हो रही है, इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है, जो गंभीर बात है।राज्यपाल जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान, ये राजनीतिक रोटियां सेंकने का समय नहीं हैCWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया। उनका कहना है कि जब सभी को एक साथ होकर इस महामारी से लड़ना चाहिए था तो बीजेपी उस समय नफरत के वायरस फैला रही है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी सुझाव दिए जा रहे हैं उनपर मोदी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस से जंग में जो स्वास्थ्यकर्मी दिन रात लड़ रहे हैं उन्हें सरकार अच्छी क्वालिटी के पीपीई किट मुहैया कराने में असफल रही है।सोनिया गांधी ने आगे कहा कि मुश्किल के इस वक्त में सरकार को गरीब, मजदूरों और किसानों के खाते में 7500 रुपये डालने चाहिए। जिससे वो अपने परिवार का पेट भर सके। किसानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश का किसान काफी परेशान है। अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चेन में आ रही परेशानी ने किसानों को बेहाल कर दिया है। सरकार को किसानों की समस्या को सुनकर इसका समाधान करना चाहिए। अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- जनता के साथ धोखाकेंद्र सरकार पर टेस्टिंग के आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हमने बार-बार सरकार से कहा कि वो टेस्टिंग की गति को बढ़ाये। क्योंकि इस महामारी से लड़ने के लिए एक सबसे बड़ा हथियार टेस्टिंग ही है। लेकिन सरकार सुनने को ही तैयार नहीं है। देश में टेस्ट का अनुपात काफी कम है। इसके अलावा कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए डॉक्टरों को जो पीपीई किट दी जा रही है वो भी अच्छी क्वालिटी की नहीं है।AB STAR NEWS के ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट (Budget 2021-22) सैलेरीड क्लास (Salaried Class) को निराश कर गया। इस बजट में न तो कोई अतिरिक्त टैक्स छूट (Income Tax Rebate) की घोषणा की गई और न ही टैक्स स्लैब (ax Slab) में कोई सुधार किया गया।इस बजट में सिर्फ वैसे वरिष्ठ नागरिकों (Senior citizen) के लिए एक राहत की घोषणा हुई, जो कि 75 साल से ज्यादा उम्र के होंगे। इनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने से छूट मिली। कोरोना से लड़ रही अर्थव्यवस्था (Corona pandemic) में इस बार बजट से पहले इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax slab) का दायरा बढ़ाने से लेकर के टैक्स की दरों को तर्कसंगत बनाने की बात हो रही है। इस बारे में कई सिफारिश वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की गई थी।बजट में इस बार आयकर दाताओं को कर में छूट मिलने की ज्यादा उम्मीद है। इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे टर्म के लिए जुलाई में पेश किए गए पहले बजट में वित्त मंत्री ने पांच लाख तक की आय वालों को कर में छूट दी थी, लेकिन टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया था। ऐसे में अब लोगों को उम्मीद जागी थी कि वित्त मंत्री इस बार टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती हैं।इससे कर दाताओं को ज्यादा वेतन घर ले जाने को मिलेगा, जिससे उनका खर्च का दायरा बढ़ेगा। मध्यम वर्ग कहें या सैलेरीड क्लास,इनकी आय कम होती है, लेकिन टैक्स का बोझ ज्यादा होता है। अभी आम आदमी सबसे ज्यादा आयकर का भुगतान करता है। अभी 2.5 लाख से पांच लाख रुपये की आय पर पांच फीसदी टैक्स देना होता है। वहीं पांच से 10 लाख रुपये पर सीधे 20 फीसदी टैक्स दर लागू है। इससे करदाताओं पर सीधा असर पड़ता है। पांच से 10 लाख रुपये के लिए स्लैब को 20 फीसदी से घटाकर के 10 फीसदी करने की मांग भी वित्त मंत्री से करदाता कर रहे थे। लेकिन सबको निराशा ही हाथ लगी।
https://www.abstarnews.com/universal/national/development-of-farmers-through-contract-farming/किसान संगठन लगातार सरकार से बात करने से इनकार कर रहे हैं।केन्द्र सरकार ने जिस तरह किसानों से बार बार निवेदन किया उससे भी भारतीय किसान यूनियन से जुड़े संगठन राजी नहीं हैं । दरअसल किसानों के प्रदर्शन कर रहे गुट हर हाल में बिल को वापस लेने से कम पर राजी नहीं है। किसानों को कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी सीधे तौर पर कर रही है ।राहुल गांधी इस मामले पर लगातार ट्विट कर रह हैं कि सरकार किसान विरोधी है।देश के 5 राज्यों में चुनाव होने है जिसमें निकाय चुनावों के अलावा पंचायत चुनाव भी अहम हैं।ऐसे में सरकार को किसान विरोधी दिखा कर विपक्ष सत्ता में वापसी का रास्ता तलाश रहा है । केन्द्र की मोदी सरकार किसानों को बार बार समझा रही है की जिस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है वह बेबुनियाद है ।
बजट 2021 -22 : भारत की पहली डिजिटल बजट महत्ब्पूर्ण और पूरी पेपर लेस आजाद भारत का पहला बजट 26 नबंबर 1947 को पेस किया गया था था उसी समय से प्रिंट करने की परम्परा चल रही थी हलाकि इसबार कुछ अलग हुआ है जो कोविड 19 के कारन सरकार ने वृत्त वर्ष 2021 -22 के आम बजट को कागज पर प्रिंट नहीं हुआ बल्कि इस बार पूरी बजट डिजिटल रखा गया बजट के पहली बार इतिहास में बजट कागज पर छपाई नहीं हुई बल्कि डिजटल बजट रखा गया और फूली पेपर लेस रहा इसे हम कह सकते है की पेपर लेस बजट वित्तमंत्री ने लाल रंग का टैबलेट पर बजट को पढ़ा और इस टैबलेट पर अशोक स्तभ का चित्र था वित् वर्ष का बजट के 6 स्तम्भों पर टिका है स्वस्थ और कल्याण आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकाश भौतिक और वित्तीय अवसंरचना मानव पूंजी में नवजीवन का संचर सरना नवाचार अनुसन्धान और विकाश न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन राजकोषीय स्थिति बजट 2020 -21 में 30.
42 लाख करोड़ खर्च हुआ था राजकोषीय स्थिति बजट 202१-22 में 34.
50 लाख करोड़ खर्च करना है राजकोषीय स्थिति घाटा 2020 -21 में 3.
5 प्रतिशत बजट 2021 -22 : भारत की पहली डिजिटल बजट महत्ब्पूर्ण तथ्य 2021 पद्म विभूषण सम्मान पाने वालों की सूचीगणतंत्र दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिया जाता है इसके तहत किसी खास क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले नागरिक को तीन श्रेणीयो पदम् विभूषण , पदम् भूषण , पदम् श्री से सम्मानित किया जाता है राजकोषीय स्थिति घाटा 2021 -22 में 6.
8 प्रतिशत भारत की आकस्मिकता निधि पहले 500 करोड़ का था लेकिन अब इस बार 30000 करोड़ का दिया गया बरिष्ठ नागरिको को इस बार 75 वर्ष से अधिक के व्यक्ति को क्र से छूट कर दिया गया है पिछले वर्ष की तुलना में स्वास्थ्य और कल्याण के बजट में 137 प्रतिशत किबड़ोत्री किया है एक नई केंद्रीय प्रायोजित योजना पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना 64.
180 करोड़ के परिव्यय के साथ ६ वर्ष क लिए लांच की गए है 17 लोकस्वस्थ इकाइयां की स्थापना २ मोबाइल अस्पताल की स्थापना 15 आपत्कालीन आपरेशन केंद्र की स्थापना क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल विषनु विझान के लिए ४ प्रयोगशाला पोषण और जल आपूर्ति के अंतर्गत संपूरक पोषण कार्यकर्म और पोषण अभियान का विलय मिशन पोषण 2.
औद्योगिक विकास भारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिशा निर्धारक रहा है। भाप इंजन से लेकर आज तक की वास्तव में ग्लोबल प्रोडक्शन चेन्स एंड प्रोसेसेस (वैश्विक उत्पादन श्रृंखलाओं और प्रक्रियाओं) तक उद्योगों ने हमारी अर्थव्यवस्थाओं को बदला है और हमारे समाज में बड़े बदलाव लाने में सहायता की है। किन्तु टिकाऊ तौर-तरीकों, आधुनिक प्रौद्योगिकी और बुनियादी सुविधाओं की उपस्थिति के अभाव में हम मनचाही वृद्धि नहीं कर पा रहे हैं, जो एक विचारणीय मुद्दा है। विकासशील देशों में कुल मिलाकर करीब 2.6 अरब लोग दिन भर के लिए बिजली पाने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसके अलावा दुनिया भर में 2.5 अरब लोग बुनियादी स्वच्छता से वंचित हैं, जबकि लगभग 80,00,000,00 लोगों को जल सुलभ नहीं है। जिनमें से लाखों लोग सहारा के दक्षिणी अफ्रीकी देशों और दक्षिण एशिया में अनेक निम्न आय वाले देशों के लिए बुनियादी सुविधाओं की मौजूदा सीमाएं उत्पादकता पर करीब 40% तक असर डालती हैं। ऐसा अनुमान है कि उद्योग और संचार की एक मजबूत वास्तविक श्रंखला उत्पादकता और आय बढ़ा सकती है और स्वास्थ्य, खुशहाली तथा शिक्षा में सुधार ला सकता है। इसी तरह से टेक्नोलॉजी की प्रगति देशों के रूप में हमारी खुशहाली बढ़ाती है और पहले से अधिक संसाधनों एवं ऊर्जा कुशलता के माध्यम से पृथ्वी की स्थिति में भी सुधार कर सकती है।सतत् विकास के उद्योग, नवाचार तथा बुनियादी सुविधाएँ लक्ष्य के माध्यम से देश की सरकार ने संकल्प लिया है कि अधिक जानदार बुनियादी सुविधाओं में निवेश, सीमा के आर-पार सहयोग तथा छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन, सतत् औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। साथ ही यब भी सुनिश्चित किया है कि हमें अपना औद्योगिक ढांचा सुधारना होगा और उसमें नई टेक्नोलॉजी की प्रमुख भूमिका होगी। सरकारों और कंपनियों को नवाचार, वैज्ञानिक अनुसंधान प्रोत्साहन (साइंटिफिक रिसर्च प्रमोशन) तथा सबके लिए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की सुलभता सुधारने हेतु एक अनुकूल नीतिगत माहौल पैदा करने में योगदान देना होगा। #2030 के भारत के सतत विकास का एक लक्ष्य उद्योग, नवाचार तथा बुनियादी सुविधाएँ प्राप्त करना है। इस लक्ष्य का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय और सीमाओं के आर-पार बुनियादी सुविधाओं सहित गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय, टिकाऊ और जानदार बुनियादी सुविधाओं का विकास करना है जिससे आर्थिक विकास हो और मानव कल्याण को सहारा मिले। इसके साथ ही एम्प्लॉयमेंट एंड ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद) में राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार उद्योग की हिस्सेदारी में बहुत अधिक वृद्धि की जाए। इसके साथ ही, सरकार के मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे प्रमुख प्रयासों तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम के बल पर नवाचार और सतत् औद्योगिक एवं आर्थिक विकास को गति मिल रही है।
वैज्ञानिक इस बात पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कुछ मामलों को छोड़कर जो मरीज कोरोना वायरस की वैक्सीन के बिना ठीक हुए हैं उन्हें यह वायरस दोबारा छू भी नहीं रहा है।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को ही कारगर तरीका बताया गया। इसे प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए तमाम देशों ने लॉकडाउन का रास्ता चुना। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कब तक कोरोना वायरस से बचने के लिए छिपकर बैठना होगा। इस बीच चर्चा होने लगी है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के बार में सोचना चाहिए। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना वायरस से मुकाबला करना आसान हो जाएगा।
अमेरिका में पहले मरीजों पर शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
दुनिया भर के कई देश अलग अलग तरीके से कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं। कोई वायरस से बचने के लिए घरों में रहने की सलाह दे रहा है तो कोई घर से बाहर निलकर कोरोना वायरस से लड़ने की बात पर अड़ा है। कोरोना से लड़ने का पहला रास्ता कहता है कि घर पर ही रहो और दूसरा रास्ता कहता है घरों से बाहर निकलो। कहा जा रहा है कि जब तक लोग घरों में हैं तब तक ही ठीक हैं लेकिन जैसे ही वो बाहर निलेंगे तो वायरस उन्हें घेर लेगा। इसलिए इस वायरस का डटकर सामना करने की बात कही जा रही है। जितने ज्यादा लोग संक्रमित होंगे इंसानों के शरीर में वायरस से लड़ने की उतनी ही क्षमता पैदा होगी। इसे ही हार्ड इम्युनिटी कहते हैं।
https://www.abstarnews.com/universal/national/development-of-farmers-through-contract-farming/किसान संगठन लगातार सरकार से बात करने से इनकार कर रहे हैं।केन्द्र सरकार ने जिस तरह किसानों से बार बार निवेदन किया उससे भी भारतीय किसान यूनियन से जुड़े संगठन राजी नहीं हैं । दरअसल किसानों के प्रदर्शन कर रहे गुट हर हाल में बिल को वापस लेने से कम पर राजी नहीं है। किसानों को कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी सीधे तौर पर कर रही है ।राहुल गांधी इस मामले पर लगातार ट्विट कर रह हैं कि सरकार किसान विरोधी है।देश के 5 राज्यों में चुनाव होने है जिसमें निकाय चुनावों के अलावा पंचायत चुनाव भी अहम हैं।ऐसे में सरकार को किसान विरोधी दिखा कर विपक्ष सत्ता में वापसी का रास्ता तलाश रहा है । केन्द्र की मोदी सरकार किसानों को बार बार समझा रही है की जिस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है वह बेबुनियाद है ।
बजट 2021 -22 : भारत की पहली डिजिटल बजट महत्ब्पूर्ण और पूरी पेपर लेस आजाद भारत का पहला बजट 26 नबंबर 1947 को पेस किया गया था था उसी समय से प्रिंट करने की परम्परा चल रही थी हलाकि इसबार कुछ अलग हुआ है जो कोविड 19 के कारन सरकार ने वृत्त वर्ष 2021 -22 के आम बजट को कागज पर प्रिंट नहीं हुआ बल्कि इस बार पूरी बजट डिजिटल रखा गया बजट के पहली बार इतिहास में बजट कागज पर छपाई नहीं हुई बल्कि डिजटल बजट रखा गया और फूली पेपर लेस रहा इसे हम कह सकते है की पेपर लेस बजट वित्तमंत्री ने लाल रंग का टैबलेट पर बजट को पढ़ा और इस टैबलेट पर अशोक स्तभ का चित्र था वित् वर्ष का बजट के 6 स्तम्भों पर टिका है स्वस्थ और कल्याण आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकाश भौतिक और वित्तीय अवसंरचना मानव पूंजी में नवजीवन का संचर सरना नवाचार अनुसन्धान और विकाश न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन राजकोषीय स्थिति बजट 2020 -21 में 30.
42 लाख करोड़ खर्च हुआ था राजकोषीय स्थिति बजट 202१-22 में 34.
50 लाख करोड़ खर्च करना है राजकोषीय स्थिति घाटा 2020 -21 में 3.
5 प्रतिशत बजट 2021 -22 : भारत की पहली डिजिटल बजट महत्ब्पूर्ण तथ्य 2021 पद्म विभूषण सम्मान पाने वालों की सूचीगणतंत्र दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिया जाता है इसके तहत किसी खास क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले नागरिक को तीन श्रेणीयो पदम् विभूषण , पदम् भूषण , पदम् श्री से सम्मानित किया जाता है राजकोषीय स्थिति घाटा 2021 -22 में 6.
8 प्रतिशत भारत की आकस्मिकता निधि पहले 500 करोड़ का था लेकिन अब इस बार 30000 करोड़ का दिया गया बरिष्ठ नागरिको को इस बार 75 वर्ष से अधिक के व्यक्ति को क्र से छूट कर दिया गया है पिछले वर्ष की तुलना में स्वास्थ्य और कल्याण के बजट में 137 प्रतिशत किबड़ोत्री किया है एक नई केंद्रीय प्रायोजित योजना पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना 64.
180 करोड़ के परिव्यय के साथ ६ वर्ष क लिए लांच की गए है 17 लोकस्वस्थ इकाइयां की स्थापना २ मोबाइल अस्पताल की स्थापना 15 आपत्कालीन आपरेशन केंद्र की स्थापना क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल विषनु विझान के लिए ४ प्रयोगशाला पोषण और जल आपूर्ति के अंतर्गत संपूरक पोषण कार्यकर्म और पोषण अभियान का विलय मिशन पोषण 2.
न्यूज़ डेस्क : बीते दिनों ही Samsung Galaxy M51 को इंडियन मार्केट में पेश किया गया है तथा इस स्मार्टफोन की मुख्य विशेषता इसमें दी गई 7,000mAh की बैटरी है। इस बैटरी क्षमता के साथ आने वाला यह कंपनी का प्रथम स्मार्टफोन है।इसके अतिरिक्त Galaxy M51 को Snapdragon 730G चिपसेट पर लॉन्च किया गया है तथा इसमें क्वाड रियर कैमरा सेटअप प्राप्त होगा। देश में यह स्मार्टफोन आज मतलब 18 सितंबर को प्रथम बार सेल के लिए प्राप्त कराया जाएगा।देश में Samsung Galaxy M51 को दो स्टोरेज मॉडल में पेश किया गया है। उपभोक्ता इसके 6GB + 128GB मॉडल को 24,999 रुपये में क्रय कर सकते हैं, जबकि 8GB + 128GB मॉडल का दाम 26,999 रुपये है।यह स्मार्टफोन आज दोपहर 12 बजे प्रथम बार सेल के लिए उपलब्ध होगा। इसे Samsung के पोर्टल तथा Amazon।in से क्रय किया जा सकता है यह स्मार्टफोन इलेक्ट्रिक ब्लू तथा ब्लैक रंग विकल्प में उपलब्ध है।साथ ही Samsung Galaxy M51 के साथ इंट्रोड्यूसरी ऑफर भी लॉन्च किया गया है उपभोक्ता इस स्मार्टफोन पर 2,000 रुपये का इंस्टैंट डिस्काउंट प्राप्त कर सकते हैं।परन्तु यह डिस्काउंट HDFC कार्ड से ईएमआई ट्रांजेक्शन पर ही प्राप्त होगा। इसका मुनाफा 18 सितंबर से 20 सितंबर तक उठाया जा सकता है। Samsung Galaxy M51 को Snapdragon 730G प्रोसेसर पर लॉन्च किया गया है तथा इसमें ग्राफिक्स के लिए Adreno 618 जीपीयू उपलब्ध किया गया है।इस स्मार्टफोन में 6।7 इंच का फुल एचडी+ सुपर एमोलेड+ डिस्प्ले उपस्थित है जिसमें सेल्फी के लिए पंच होल कटआउट उपलब्ध किया गया है। इसी के साथ ये फ़ोन बेहद ही आकर्षक है।
औद्योगिक विकास भारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिशा निर्धारक रहा है। भाप इंजन से लेकर आज तक की वास्तव में ग्लोबल प्रोडक्शन चेन्स एंड प्रोसेसेस (वैश्विक उत्पादन श्रृंखलाओं और प्रक्रियाओं) तक उद्योगों ने हमारी अर्थव्यवस्थाओं को बदला है और हमारे समाज में बड़े बदलाव लाने में सहायता की है। किन्तु टिकाऊ तौर-तरीकों, आधुनिक प्रौद्योगिकी और बुनियादी सुविधाओं की उपस्थिति के अभाव में हम मनचाही वृद्धि नहीं कर पा रहे हैं, जो एक विचारणीय मुद्दा है। विकासशील देशों में कुल मिलाकर करीब 2.6 अरब लोग दिन भर के लिए बिजली पाने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसके अलावा दुनिया भर में 2.5 अरब लोग बुनियादी स्वच्छता से वंचित हैं, जबकि लगभग 80,00,000,00 लोगों को जल सुलभ नहीं है। जिनमें से लाखों लोग सहारा के दक्षिणी अफ्रीकी देशों और दक्षिण एशिया में अनेक निम्न आय वाले देशों के लिए बुनियादी सुविधाओं की मौजूदा सीमाएं उत्पादकता पर करीब 40% तक असर डालती हैं। ऐसा अनुमान है कि उद्योग और संचार की एक मजबूत वास्तविक श्रंखला उत्पादकता और आय बढ़ा सकती है और स्वास्थ्य, खुशहाली तथा शिक्षा में सुधार ला सकता है। इसी तरह से टेक्नोलॉजी की प्रगति देशों के रूप में हमारी खुशहाली बढ़ाती है और पहले से अधिक संसाधनों एवं ऊर्जा कुशलता के माध्यम से पृथ्वी की स्थिति में भी सुधार कर सकती है।सतत् विकास के उद्योग, नवाचार तथा बुनियादी सुविधाएँ लक्ष्य के माध्यम से देश की सरकार ने संकल्प लिया है कि अधिक जानदार बुनियादी सुविधाओं में निवेश, सीमा के आर-पार सहयोग तथा छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन, सतत् औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। साथ ही यब भी सुनिश्चित किया है कि हमें अपना औद्योगिक ढांचा सुधारना होगा और उसमें नई टेक्नोलॉजी की प्रमुख भूमिका होगी। सरकारों और कंपनियों को नवाचार, वैज्ञानिक अनुसंधान प्रोत्साहन (साइंटिफिक रिसर्च प्रमोशन) तथा सबके लिए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की सुलभता सुधारने हेतु एक अनुकूल नीतिगत माहौल पैदा करने में योगदान देना होगा। #2030 के भारत के सतत विकास का एक लक्ष्य उद्योग, नवाचार तथा बुनियादी सुविधाएँ प्राप्त करना है। इस लक्ष्य का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय और सीमाओं के आर-पार बुनियादी सुविधाओं सहित गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय, टिकाऊ और जानदार बुनियादी सुविधाओं का विकास करना है जिससे आर्थिक विकास हो और मानव कल्याण को सहारा मिले। इसके साथ ही एम्प्लॉयमेंट एंड ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद) में राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार उद्योग की हिस्सेदारी में बहुत अधिक वृद्धि की जाए। इसके साथ ही, सरकार के मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे प्रमुख प्रयासों तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम के बल पर नवाचार और सतत् औद्योगिक एवं आर्थिक विकास को गति मिल रही है।
CWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया।कोरोना संकट के बीच कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कोरोना वायरस के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर चिंता जाहिर की है। सोनिया गांधी का कहना है कि देश में अभी टेस्टिंग बहुत कम संख्या में हो रही है, इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है, जो गंभीर बात है।राज्यपाल जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान, ये राजनीतिक रोटियां सेंकने का समय नहीं हैCWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया। उनका कहना है कि जब सभी को एक साथ होकर इस महामारी से लड़ना चाहिए था तो बीजेपी उस समय नफरत के वायरस फैला रही है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी सुझाव दिए जा रहे हैं उनपर मोदी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस से जंग में जो स्वास्थ्यकर्मी दिन रात लड़ रहे हैं उन्हें सरकार अच्छी क्वालिटी के पीपीई किट मुहैया कराने में असफल रही है।सोनिया गांधी ने आगे कहा कि मुश्किल के इस वक्त में सरकार को गरीब, मजदूरों और किसानों के खाते में 7500 रुपये डालने चाहिए। जिससे वो अपने परिवार का पेट भर सके। किसानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश का किसान काफी परेशान है। अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चेन में आ रही परेशानी ने किसानों को बेहाल कर दिया है। सरकार को किसानों की समस्या को सुनकर इसका समाधान करना चाहिए। अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- जनता के साथ धोखाकेंद्र सरकार पर टेस्टिंग के आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हमने बार-बार सरकार से कहा कि वो टेस्टिंग की गति को बढ़ाये। क्योंकि इस महामारी से लड़ने के लिए एक सबसे बड़ा हथियार टेस्टिंग ही है। लेकिन सरकार सुनने को ही तैयार नहीं है। देश में टेस्ट का अनुपात काफी कम है। इसके अलावा कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए डॉक्टरों को जो पीपीई किट दी जा रही है वो भी अच्छी क्वालिटी की नहीं है।AB STAR NEWS के ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट (Budget 2021-22) सैलेरीड क्लास (Salaried Class) को निराश कर गया। इस बजट में न तो कोई अतिरिक्त टैक्स छूट (Income Tax Rebate) की घोषणा की गई और न ही टैक्स स्लैब (ax Slab) में कोई सुधार किया गया।इस बजट में सिर्फ वैसे वरिष्ठ नागरिकों (Senior citizen) के लिए एक राहत की घोषणा हुई, जो कि 75 साल से ज्यादा उम्र के होंगे। इनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने से छूट मिली। कोरोना से लड़ रही अर्थव्यवस्था (Corona pandemic) में इस बार बजट से पहले इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax slab) का दायरा बढ़ाने से लेकर के टैक्स की दरों को तर्कसंगत बनाने की बात हो रही है। इस बारे में कई सिफारिश वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की गई थी।बजट में इस बार आयकर दाताओं को कर में छूट मिलने की ज्यादा उम्मीद है। इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे टर्म के लिए जुलाई में पेश किए गए पहले बजट में वित्त मंत्री ने पांच लाख तक की आय वालों को कर में छूट दी थी, लेकिन टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया था। ऐसे में अब लोगों को उम्मीद जागी थी कि वित्त मंत्री इस बार टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती हैं।इससे कर दाताओं को ज्यादा वेतन घर ले जाने को मिलेगा, जिससे उनका खर्च का दायरा बढ़ेगा। मध्यम वर्ग कहें या सैलेरीड क्लास,इनकी आय कम होती है, लेकिन टैक्स का बोझ ज्यादा होता है। अभी आम आदमी सबसे ज्यादा आयकर का भुगतान करता है। अभी 2.5 लाख से पांच लाख रुपये की आय पर पांच फीसदी टैक्स देना होता है। वहीं पांच से 10 लाख रुपये पर सीधे 20 फीसदी टैक्स दर लागू है। इससे करदाताओं पर सीधा असर पड़ता है। पांच से 10 लाख रुपये के लिए स्लैब को 20 फीसदी से घटाकर के 10 फीसदी करने की मांग भी वित्त मंत्री से करदाता कर रहे थे। लेकिन सबको निराशा ही हाथ लगी।