Why People Hate Monday: संडे का दिन जहाँ सबके चेहरे पर मुस्कान लेकर आता है वही “मंडे” का नाम आते ही हमारे चेहरे से ख़ुशी गायब हो जाती है। कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?
“सोमवार” (Monday Blues) यह एक ऐसा शब्द है जो हमारे उत्साह को कम कर देता है। यह दिन आने की बात से ही हमारे भीतर चिड़चिड़ापन और निराशाजनक भाव आने लगते है और हम चाहते हैं कि यह दिन ना आए। स्कूल के दिनों के दौरान, रविवार के बाद हम सोमवार (Monday) का बेसब्री से इंतज़ार किया करते थे, तब हम इसके आने पर खुश हुआ करते थे। ऐसा इसलिए होता था, उस समय हमें अपने दोस्तों से मिलने, उनके साथ खेलने और बातें शेयर करने की जल्दी हुआ करती थी।Why Are Mondays the Worst Day of the Week?जैसे-जैसे हम बड़े हुए, सोमवार (Monday Blues) हमें एक डरावने सपने की तरह लगने लगा जिसको हम देखना पसंद नहीं करते हैं। हम अपने आज के आर्टिकल में आपको कुछ ऐसी ही अहम वजहों के बारे में बताएंगे जिसके कारण से सभी सोमवार के दिन से नफरत करने लगे हैं। हम आपको उन वजहों से रूबरू कराएंगे जिसके कारण आप “सोमवार” (Monday) शब्द का ज़िक्र करने से ही निराशा के भाव से भर जाते है।हम जानते है कि आप निश्चित रूप से इनमें से कुछ बातों से सहमत होंगे। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया के किसी भी शहर के लोगों को सोमवार नहीं पसंद होता है।आखिर क्या नही पसंद लोगों को “मंडे” (Why People Hate Monday)1.
अगर आप अपनी जॉब से खुश नही है तो ये सामान्य है कि आपका उस जगह जाने का मन कभी भी नहीं करता है। रिसर्च से पता चलता है कि ऐसे बहुत कम लोग हैं जिन्हे वास्तव में अपनी जॉब पसंद होती हैं और अपने ऑफिस जाने के लिए उत्सुक रहते हैं। अधिकतर लोग सोमवार के दिन को पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में आपको हमेशा सोमवार (Monday) के बाद से वीकेंड का इंतज़ार रहता है और इसके बीच का समय आपको काफी लंबा लगता है।2.
हम सभी को सोमवार की सुबह अपने ऑफिस या कॉलेज जाना होता है। एक शानदार वीकेंड बिताने के बाद सोमवार की सुबह वापस अपनी रोज़मर्रा की रुटीन में लौटना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल होता है। 3.
वीकेंड पर हम सभी खूब मस्ती करते हैं और आज़ादी से अपने ज़िन्दगी जीते हैं। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि आप वीकेंड पर पार्टी ही करे, पर यह तो तय है कि हर कोई इस छुट्टी के दिन आराम करने के साथ अपनी मर्ज़ी के मालिक होते है। ऐसे में सोमवार की सुबह फिर से खुद पर बॉस या टीचर का कंट्रोल किसी को पसंद नहीं आता है।4.
जो जीवन हम जी रहे हैं वो अक्सर हमें सुस्त लगने लगता है जिसकी वजह से हमें हमारी कार्यशैली कभी कभी बहुत ही बोरिंग लगती है। जो बिना किसी ख़ुशी और उत्साह के बस चली जा रही है। यह ऐसी भावना है जो मंडे ब्लूज़ (Monday Blues) को अत्यधिक गंभीर रूप दे देता है जिसका सामना करना सबके लिए कठिन होता है।5.
क्या अपने कभी बुलेट बाइक मंदिर के बारे में सुना है….जहां एक 350 CC बुलेट बाइक की पूजा होती है…हमारे भारत में ईश्वर की भक्ति को विशेष महत्व दिया जाता है, यहां लोग अलग अलग मंदिरों में अपनी श्रद्धा के अनुसार ईश्वर की पूजा-अर्चना करते हैं और हर मंदिर से जुड़ी अनेकों मान्यतायें व कहानियां भी प्रचलित होती हैं… परन्तु, कभी कभी लोगो की श्रद्धा कुछ ऐसी चीजों से जुड़ जाती है जिसके बारे मे जानकर बहुत आश्चर्य होता है।ऐसा ही एक विचित्र मंदिर राजस्थान के जोधपुर-पाली राजमार्ग से 20 km दूर चोटीला गांव में स्थित हैं। जहां एक मोटरसाइकिल की पूजा होती है। इस मंदिर से जुडी है ओम बन्ना की कहानी इसीलिए ये ओम बन्ना मंदिर या बुलेट बाबा मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। यह मंदिर पूरे विश्व का एकलौता बुलेट बाइक मंदिर हैं,जहां बुलेट 350cc बाइक की पूजा की जाती है। इस मंदिर मे लोग आते जाते समय अपनी मंगलमय यात्रा के लिए प्राथना करने आते हैं। तो आइए जानते हैं बुलेट बाबा मंदिर से जुड़ी कहानी…की आखिर कैसे बना यह मंदिर एक पवित्र तीर्थस्थल और मोटर साइकिल की पूजा का राज व ओम बन्ना की कहानी…फलों पर आखिर ये स्टीकर क्यों – Know About PLU Codeओम बन्ना की कहानी (Om Banna Story In Hindi)यह मंदिर ओम बन्ना की याद में बनाया गया है। ओम बन्ना का पूरा नाम ओम सिंह राठौड़ है जो चोटिल गांव के ठाकुर जोग सिंह राठौड़ के पुत्र थे।सन् 1988, ओम बन्ना शाम के समय अपनी बुलेट 350 CC बाइक से अपनी ससुराल से अपने घर चोटिला गांव आ रहे थे कि अचानक उनकी बाइक नजदीक के पेड़ से जा टकराई और टकर इतनी तेज़ थी कि ओम बन्ना की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। इस एक्सीडेंट के बाद पुलिस ने उनकी बाइक को जब्त कर थाने ले गई लेकिन अगले ही दिन बाइक थाने में नही मिली… कहा जाता है कि वह बाइक बिना किसी चालक के उसी स्थान पर पहुंच गई थी जहां पर ओम बन्ना का निधन हुआ था। पहले पुलिस प्रशासन को लगा कि कोई व्यक्ति बाइक को घटनास्थल पर ले गया था। तब पुलिस बाइक को वापस थाने ले आई और ऐसा एक बार नही बल्कि तीन-चार बार हुआ था… तब पुलिस के तो होश ही उड़ गए कि ये हो क्या रहा है…यहां तक की पुलिस ने बाइक को जंजीरों से बंद दिया था लेकिन अगले दिन बाइक जंजीर को तोड़कर बिना चालक के दुर्घटनास्थल पहुंच गई। तब पुलिस प्रशासन ने ओम बन्ना के पिता और स्थानीय लोगों की मदद से बुलेट बाइक को घटनास्थल पर ही एक चबूतरा बनवाकर स्थापित करा दिया। स्थानीय लोगों का मानना है कि उस बाइक में ओम बन्ना की आत्मा निवास करती है जो लोगों की बड़े एक्सीडेंट से बचाती है। जबसे ये बाइक यहां खड़ी की गई है तब से इस स्थान पर कोई अन्य घटनाएं नही घटित हुई हैं। फिर लोगों ने इसे चमत्कार मानकर बाइक की पूजा-अर्चना आरम्भ कर दिया और देखते ही देखते यह एक पवित्र स्थान माना जाने लगा।ऐसा सागर जो आपको डूबने नहीं देता -Dead Sea