1 दादरा और नगर हवेली की राजधानी का नाम “सिलवास” है।
2 इसका क्षेत्रफल 491 वर्ग किलोमीटर है।
3 दादरा और नगर हवेली में पहले मराठों फिर पुर्तगालियों का शासन रहा। 11 अगस्त 1961 को यह भारतीय संघ में शामिल हुआ।
4 दादरा और नगर हवेली की जनसंख्या 343,709 (वर्ष 2011) थी। जिसमें से पुरुषों व महिलाओं की आबादी क्रमशः 193,748 और 149,961 थी।
5 दादरा और नगर हवेली की भाषाओं में भीली और भी भिलोड़ी प्रमुख है। यहां की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। इसके अलावा यहां पर गुजराती, मराठी, हिंदी जैसी भाषाएं बोली जाती हैं।
6 दादरा और नगर हवेली की जनजातियों द्वारा कई लोक नृत्य लिए जाते है, जैसे कि तरपा नृत्य, भावड़ा नृत्य , बोहड़ा नृत्य, ढोल नृत्य, अरहर नृत्य और तूर व थाली नृत्य आदि।
7 यहां की ढोडिया और वर्ली जनजातियां ‘दिवसों’ नामक त्योहार मनाती हैं। वही वर्ली, कोकना और कोली जनजातियां भावड़ा त्योहार मनाते है।
8 यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में वानगंगा लेक गार्डन, लुहारी, मिंजु और बाल उद्यान है।
9 दादरा और नगर हवेली के लोगों का खान-पान गुजराती खान-पान से काफी ज्यादा मिलता जुलता है। यहां पर ढोकला, दाल, जंगली मशरूम खाए जाते हैं।
10 यहां रहने वाली जनजातियों की शिल्प कारी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यह लोग दीवारों में अलग-अलग तरह के दृश्य बनाते हैं।
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Story of madhubala:बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री मधुबाला, जिन्होंने करीब दो दशकों तक इंडस्ट्री में राज किआ। मधुबाला एक लिविंग लीजेंड थी, अपने मासूम चेहरे और अदाकारी के बल पे उन्होंने इंडस्ट्री में काफी शोहरत पाई । जितनी ही उनकी प्रोफेशनल लाइफ शुर्खिओं में थी उतनी ही उनकी पर्सनल लाइफ भी । मधुबाला का जीवन हमेशा ट्रेजेडी से ही भरा रहा। प्यार के दिन ही जन्मी मधुबाला को जीवन भर प्यार के लिए दर दर भटकना पड़ा । आज भी मधुबाला की कहानी पर लाखों लोग सोचते रह जातें हैं , ईश्वर भी कभी कभी क्या करता है।Read more: latest flypped hindi news today
आजकल के मॉडर्न समय में आर्गेनिक फार्मिंग हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छी है । आजकल जहाँ हर जगह खाने की हर चीज़ में बहुत ज़्यादा मात्रा में मिलावट होने लग गई हैं वहीं खाने में इस्तेमाल होनेवाले फल और सब्ज़ीयों में भी ढेर सारे केमिकल और इंजेक्शंस लगाए जाते हैं । खाने में पाए जानेवाले हानिकारक केमिकल्स से बचने के लिए आर्गेनिक फार्मिंग एक बहुत आसान और सरल उपाय है ।
Both the governments of Uttar Pradesh and the Centre have made the occasion of Deepavali to make the ancient city Ayodhya to gain spotlight and rekindle the discourse both culturally and in terms of development.
अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव को राज्य मेला का दर्जा देने का फैसला किया गया है। इस प्रस्ताव को #UPCabinet ने मंजूरी दे दी है।#Deepostav2019 pic.twitter.com/OlGcqUAZjL
— Government of UP (@UPGovt) October 23, 2019
Ayodhya: Arrangements underway at Saryu Ghat for 'deepotsav' that will be held today evening.
Over 5.50 lakh earthen lamps will be lit during the event.
— ANI UP (@ANINewsUP) October 26, 2019