https://www.abstarnews.com/universal/national/violation-of-corona-rules/अमेरिका में इस साल लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अमेरिका कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामलों वाले देशों में शामिल है । इसके बावजूद यहां के नागरिक कोरोना के प्रति सावधानी बरतने को तैयार नहीं हैं, मास्क लगाने को तैयार नहीं हैं। और मना किए जाने पर खतरनाक कदम उठा रहे हैं। अमेरिका के कैलिफॉर्निया शहर में स्थित एक स्ट्रिप क्लब में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। अमेरिका के एक स्ट्रिप क्लब में मास्क ना लगाने की वजह से तीन लोगों को क्लब से बाहर निकाल दिया गया। तीनों इस बात से इतना नाराज हो गए कि वो जाने के बाद फिर वापस आए और साथ में AK-47 लेकर आए और उनमें से एक शख्स ने क्लब में ताबड़तोड़ फायरिंग की और तीन लोगों को घायल कर दिया।
त्वचा से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं के बहुत से कारण हो सकते हैं जिस वजह से आपकी त्वचा में रूखापन, खुजली, रेडनेस, पिंपल्स, एलर्जि जैसे दिक्कतें हो सकती हैं| पर जैसे की हम जानते हैं की सर्दियों का मौसम है और इस मौसम में त्वचा से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है त्वचा का रूखापन|
इसलिए आज हम कुछ रूखी त्वचा के लिए लिए उपाय बताएंगें जिससे आप अपनी रूखी त्वचा की देखभाल कर सकते हैं| इसके साथ ही रूखी त्वचा के लिए क्या खाना चाहिए और की घरेलू फेसपैक से ठीक किया जा सकता है| तो आइये जानते है की रूखी त्वचा के लिए क्या करना चाहिए।
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ ख़ान ने एक टेलीविज़न शो में कहा कि उनके परिवार में धर्म को लेकर कभी कोई चर्चा नहीं होती
स्टार प्लस चैनल पर प्रसारित होने वाले एक डांस रियलिटी शो ‘डांस प्लस’ में बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ ख़ान ने कहा की “हमारे परिवार में हमने कभी हिंदू मुसलमान की कोई बात ही नहीं की। मेरी बीवी हिंदू हैं, मैं मुसलमान हूं और मेरे जो बच्चे हैं वो हिन्दुस्तान हैं। “
बीते शनिवार रात प्रसारित ‘डांस प्लस’ शो में शाहरुख़ ख़ान बतौर गेस्ट पहुंचे थे। शो के दौरान उनसे पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की, More
वैज्ञानिक इस बात पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कुछ मामलों को छोड़कर जो मरीज कोरोना वायरस की वैक्सीन के बिना ठीक हुए हैं उन्हें यह वायरस दोबारा छू भी नहीं रहा है।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को ही कारगर तरीका बताया गया। इसे प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए तमाम देशों ने लॉकडाउन का रास्ता चुना। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कब तक कोरोना वायरस से बचने के लिए छिपकर बैठना होगा। इस बीच चर्चा होने लगी है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के बार में सोचना चाहिए। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना वायरस से मुकाबला करना आसान हो जाएगा।
अमेरिका में पहले मरीजों पर शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
दुनिया भर के कई देश अलग अलग तरीके से कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं। कोई वायरस से बचने के लिए घरों में रहने की सलाह दे रहा है तो कोई घर से बाहर निलकर कोरोना वायरस से लड़ने की बात पर अड़ा है। कोरोना से लड़ने का पहला रास्ता कहता है कि घर पर ही रहो और दूसरा रास्ता कहता है घरों से बाहर निकलो। कहा जा रहा है कि जब तक लोग घरों में हैं तब तक ही ठीक हैं लेकिन जैसे ही वो बाहर निलेंगे तो वायरस उन्हें घेर लेगा। इसलिए इस वायरस का डटकर सामना करने की बात कही जा रही है। जितने ज्यादा लोग संक्रमित होंगे इंसानों के शरीर में वायरस से लड़ने की उतनी ही क्षमता पैदा होगी। इसे ही हार्ड इम्युनिटी कहते हैं।